पुणे: ताथवडे के जेएसपीएम संचालित राजर्षी शाहू अभियांत्रिकी महाविद्यालय व इन्स्टिटयूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इलेक्ट्रिकल इंजिनीअर्स (आय.ई.ई.ई.),पुणे इनके सहयोग से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिषद का आयोजन हालहि में किया गया था. कम्प्युटिंग, कम्युनिकेशन और ग्रीन इंजिनियरिंग इस संकल्पना पर आधारित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिषद में वीस देशों के 200 से अधिक शोधकर्ताओं ने अपने शोधनिबंध पेश किए. इस परिषद का उद्घाटन डॉ.रामजी प्रसाद, संस्थापक सचिव, सि.टी.आय.एफ. ग्लोबल कॅप्सूल, डेन्मार्क, के हाथों से किया गया. उद्घाटन के दौरान डॉ.प्रसाद इन्होंने भविष्य की सिक्स-जी तंत्रज्ञान का महत्व अधोरेखित किया. परिषद के उद्घाटन दौरान इन्स्टिटयूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स अँड इलेक्ट्रिकल इंजिनीयर्स (आय.ई.ई.ई.), पुणे के श्री. गिरीश खिलारी, डॉ. रवी जोशी, संचालक जे.एस.पी.एम. प्राचार्य डॉ.राकेशकुमार जैन, उपप्राचार्य प्रा.अविनाश देवस्थळी,प्रा.रवींद्र सावंत व प्रा. सुधीर भिलारे, परिषद समन्वयक डॉ.शैलजा पाटील और आदी मान्यवर उपस्थित थे.हालहि में ग्रीन आयसीटी: समस्या, चुनौतियाँ और अनुप्रयोग; इस विषयपर डेन्मार्क के सहाय्यक प्राध्यापक डॉ.इडोन्गेसिट विल्यम्स इनकी, संमेलन पूर्व विशेष कार्यशाला आयोजित की गई थी.
सदर परिषद में डॉ. लीला डी. फ्लोरियानी, प्राध्यापक, मेरीलँड विद्यापीठ, डॉ. सेलिया शहनाज, प्राध्यापक, बांगलादेश विद्यापीठ, डॉ. सारा पायवा, प्राध्यापक, पॉलिटेक्निक इन्स्टिट्यूट, वियाना डो कास्टेलो, पोर्तुगाल, डॉ. सोम्योत कैतवनिद्विलाई, डीन और संचालक सहयोगी प्राध्यापक, थायलंड और एन के तुलसीरामन इन्होंने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया.