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*➖दु:खी आदमी सुख की इच्छा करता है, और सुखी आदमी अधिक सुख पाने की इच्छा रखता है, पर वास्तव में दु:ख के प्रति उपेक्षा भाव रखना ही सच्चा सुख है |*
*➖जिस समय से हमारा मन दूसरों के लिए शुभ सोचना प्रारंभ कर देता है.! शांति उसी समय से हमारे जीवन में प्रविष्ट हो जाती है,,,,,
*➖वक़्त की धूप में पकी हुई चीज वाकई कीमती होती है,तभी तो अंगूर से ज्यादा कीमत किसमिस की होती है।*
*➖प्रत्येक व्यक्ति अच्छा बन सकता है! बशर्ते कि वो अपनी गलतियों को छिपाने के बजाय मिटाने की कौशिश मे लग जाए।
अपनी
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश