4 फरवरी को सिनेमाघरों में देखें ‘फास’
इस फिल्म का असली अपराधी कौन है? इस फिल्म में किस तरह की कहानी देखने को मिलने वाली है? इस फिल्म में किसानों या किसी और ने लिया जाल… दर्शकों को इन सभी सवालों के जवाब अगले महीने के पहले हफ्ते में उनके पास के सिनेमाघरों में मिल जाएंगे. अविनाश कोलते के निर्देशन में बनी ‘फास’ 4 फरवरी को रिलीज होगी।
नरेश पाटिल, पल्लवी पालकर, दयानंद अवरादे, बसवराज पाटिल, अनिल पाटिल, वैशाली पद्देवाड सह-निर्मित ‘फास’ को माहेश्वरी पाटिल चाकुरकर द्वारा निर्मित और माँ एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत किया गया है।लेकिन लेखक माहेश्वरी पाटिल चाकुरकर ने फिल्म ‘फास’ में किसानों को चित्रित किया है। केंद्र में किसान हर कोई किसी न किसी तरह के जाल से डरता है। कोलते ने ‘फास’ की कहानी की स्क्रीनिंग करते हुए ‘फास’ जैसे विभिन्न पहलुओं को छूने की सफलतापूर्वक कोशिश की है। क्या उनके बच्चों की आंखों में सपने कभी नहीं बहते हैं? इसका जवाब बिना किसी उपदेश की खुराक के संपूर्ण मनोरंजन के माध्यम से फिल्म ‘फास’ में देखने को मिलेगा। यह फंदा न केवल दुनिया के कमाने वाले के गले में है, बल्कि शहर के चारों ओर भी है। इसलिए यह फिल्म मेट्रो सिटी के नागरिकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के दर्शकों को भी जरूर देखनी चाहिए.