जिले की सभी आंगनबाडि़यों में स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा अभियान 21 मार्च से
जिले में बच्चों की स्वास्थ्य जागरूकता के लिए विशेष अभियान 21 से 27 मार्च तक
रीवा एमपी (वि.स.):रीवा जिले में समुदाय में स्वास्थ्य एवं पोषण विषयों पर भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा आयोजित की जा रही हैं। यह कार्यक्रम जिले के सभी 3434 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 21 मार्च से 27 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों की स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना तथा सुपोषित भारत लक्ष्य को प्राप्त करना है।प्रतियोगिता में 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बालक-बालिका शामिल किए जाएंगे।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि बच्चों के पोषण संबंधी विषय में सामुदायिक सहभागिता से बेहतर परिणाम संभव है। प्रत्येक बच्चे के माता-पिता की बच्चों के पोषण संबंधी जागरूकता बच्चे के पोषण स्तर की परिवार पर निगरानी सुनिश्चित करती है। समाज में परिवार स्तर पर बच्चों की अतिरिक्त देखभाल स्वास्थ्य बच्चों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति सजग होने की प्रेरणा देती है। इस प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी सेवाओं से छूटे क्षेत्र के 6 वर्ष तक के आयुवर्ग के बच्चों को भी अभियान में शामिल कर उन्हें आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज कराना तथा उनके पोषण स्तर की निगरानी करना है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुसार स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा का आयोजन जिले के ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जाएगा। अभियान में 6 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं का वजन, लंबाई एवं अन्य शारीरिक माप लेकर उनके पोषण स्तर को ज्ञात किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ता इस कार्य को पूरा करेंगी। सामाजिक संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी इस अभियान में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्पर्धा का समारोह पूर्वक शुभारंभ 21 मार्च को होगा। अभियान के प्रथम दो दिवसों में प्रात: 9 बजे से शाम 5 बजे तक आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चों का शारीरिक माप लिया जाएगा। इसके बाद 23 मार्च से 27 मार्च तक प्रति दिन सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक बच्चों की शारीरिक माप ली जाएगी। यदि कोई बच्चा माप और वजन लेने से छूट जाता है तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य संस्थाएं बच्चे के घर जाकर उसका शारीरिक माप लेंगी। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर तथा विकासखण्ड स्तर से अभियान की सतत मॉनीटरिंग की जाएगी।