सीतामढ़ी

सीतामढ़ी महोत्सव के अवसर पर डुमरा हवाई अड्डा मैदान में भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया

सीतामढी बिहार :कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार और जिला प्रशासन सीतामढ़ी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को सीतामढ़ी महोत्सव के अवसर पर डुमरा हवाई अड्डा मैदान में भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पदाधिकारी सुनील कुमार यादव थे। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डीडीसी विनय कुमार ने की । मौके पर अपर समाहर्ता महेश कुमार दास एवं डी डी सी ने कवियों को बुके देकर सम्मानित किया गया। डीडीसी विनय कुमार ने कहा कि रवि आता है तो प्रकृति मुस्कुराती है और कवि आते हैं तो संस्कृति मुस्कुराती है। मंच संचालन करते हुए गीतकार गीतेश ने अपनी हास्य व्यंग्य रचना ‘यह सोच कर सच में हम हैरानी में है, लोग डूब गए अब बेईमानी में हैं, वरना जगह-जगह लिखने की नौबत नहीं आती, आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं’ से कवि सम्मेलन का आगाज किया । पटना से आए संजय कुमार कुंदन ने कविता एक लड़का मिलने आता है, उस लड़की से कुछ शाम ढले।व गजल ‘बंद मुट्ठी में ना जाने कितने लम्हे कैद थे, वक्त ने खोली हथेली तो मिला कुछ भी नहीं’ सुना लोगो की खूब तालियां बटोरी।

मीनाक्षी मीनल की कविता हमारा हिंदुस्तान तुम्हारा हिंदुस्तान हो गया है। व है दर्द इतना सहे भी कैसे गीत ने सभी का मन मोह लिया शहंशाह आलम की रचना ‘अभी वृक्ष बचे हुए हैं पक्षी भी धूप भी दूब भी पत्तियां भी, उनकी देह की आभा भी सुगंध भी मेरा अनुरोध भी’ ने लोगों की भरपूर वाहवाही बटोरी। प्रियंका कुमारी की ‘दशमलव की दीवार’ एवं युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य की रचना ‘मैं ही नहीं हूं सिर्फ तुम्हारे इश्क में घायल, जमाना हो गया है तुम्हारे हुस्न का कायल’ ने माहौल को जवां बना दिया। वरिष्ठ कवि रमा शंकर मिश्र की हास्य रचना ‘अब जो भी हो अंजाम मैंने रिस्क लिया है, प्लीज मी एक्सेप्ट तुमसे इश्क किया है’ ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया । डॉ मीनाक्षी मीनल ने अपनी हृदय स्पर्शी रचना से महफिल में इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी।
कवि सम्मेलन के पूर्व के सत्र का संचालन बिट्टू विश्वास ने किया।

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