श्री भगवतशरण माथुर जी के विचारों को आत्मसात कर उनके संकल्पों को पूरा करें – विधानसभा अध्यक्ष
भगवतशरण माथुर की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी एवं प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम संपन्न
आलोक कुमार तिवारी प्रतिनिधि रीवा:-
रीवा एमपी: स्व. भगवतशरण माथुर की 71वीं जयंती के अवसर पर श्री माथुर फैंस क्लब रीवा द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
स्थानीय राजकपूर आडिटोरियम में आयोजित विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने कहा कि स्व. माथुर जी के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके संकल्पों को पूरा करने का कार्य सभी करें। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्री गौतम ने कहा कि माथुर जी राजनीति के कुशल चिकित्सक थे। उनकी दूर दृष्टि व नेतृत्व क्षमता अकल्पनीय थी। वह यह जानते थे कि किस व्यक्ति से क्या कार्य लेना है। वह सिद्धांत एवं विचारधारा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने रीवा एवं विन्ध्य क्षेत्र में संगठन के लिए कार्य किया और अनेक प्रतिभाओं की खोज की जो आज समाजसेवा व राजनीति के उच्चतम शिखर पर हैं। श्री गौतम ने आहवान किया कि जो व्यक्ति जिस स्थान पर है वह माथुर जी के संकल्पों को पूरा करने में प्राण-पण से योगदान दे तभी देश व प्रदेश की उत्तरोत्तर उन्नति होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि श्री माथुर जी का चुंबकीय व्यक्तित्व था। उनका विन्ध्य से उनका आत्मीय संबंध रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र में मिशन के तौर पर कार्य किया और उनके सिद्धांतों को आत्मसात कर विन्ध्य में परिर्वन व विकास की धारा बही। श्री माथुर के अनेकानेक समर्थक व अनुयायी हैं जो उनके बताए रास्ते पर चल रहे हैं। श्री शुक्ल ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर श्री माथुर को याद करने व उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का साहस दिलाता है।
इस अवसर पर सांसद रीवा श्री जनार्दन मिश्र ने कहा कि श्री माथुर ने लोगों को जोड़ने का कार्य किया। वह विश्व बंधुत्व की भावना को लेकर चले। उनका राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान है। श्री मिश्र ने स्व. माथुर के साथ अपने स्मरण साझा किए। कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए राज्यसभा सांसद श्री अजय प्रताप सिंह ने कहा कि श्री माथुर ने संगठन के लिए कार्य किया। उनका विराट व विशाल व्यक्तित्व था। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र निर्माण व सेवा के लिए समर्पित कर दिया। श्री माथुर ने रीवा एवं विन्ध्य में संगठन को मजबूत करने का जमीनी स्तर से कार्य किया। तदंतर में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी जिम्मेदारी मिली। जिसका परिणाम रहा कि उन्होंने जनजातीय वर्ग के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पहचान की। वह लेखक, कलाप्रेमी व कुशल संगठक थे।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी श्री केशव प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि श्री माथुर ने उच्च आदर्श स्थापित किया और समाज निर्माण में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। राष्ट्र निर्माण व देशप्रेम की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी थी। उनके बताए रास्ते पर चलकर उनके संकल्पों को पूरा करने में सभी सहभागी बनें। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. गोविंद नारायण श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, पत्रकार, प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।