स्वामी विवेकानंद पर अध्ययन और शोध के लिए एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय में विवेकानंद अध्ययन केंद्र की स्थापना
पुणे: स्वामी विवेकानंद के जीवन पर अनुसंधान, शिक्षण और दार्शनिक अध्ययन करने के लिए एमआईटी आर्ट, डिजाइन और टेक्नॉलॉजी युनिवर्सिटी, राजबाग, लोनी कालभोर में उनके नाम पर विवेकानंद अध्ययन केंद्र की स्थापना की गई. बुधवार को केंद्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि अखिल भारतीय विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी के अध्यक्ष श्री. बालकृष्णन, रामकृष्ण मठ, पुणे के स्वामी श्रीकांतानंद, एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. विश्वनाथ कराड और एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष और कुलपति प्रा. डॉ. मंगेश कराड द्वारा विश्वराज फिल्म स्टूडियो में किया था.
विवेकानंद केंद्र महाराष्ट्र के किरण कीर्तन अभय भट, डॉ. अतुल पाटिल, डॉ. ज्ञानदेव नीलवर्णा, डॉ. रमाकांत कपाले के डीन, निदेशक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
ए. बालकृष्णन ने कहा, “यह बहुत गर्व की बात है कि एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद अध्ययन केंद्र शुरू किया जा रहा है. केंद्र ने प्रत्येक छात्र को प्रेरणा, ऊर्जा और शक्ति प्रदान की है. केंद्र के माध्यम से मानव निर्माण और राष्ट्र निर्माण कार्य किया जाना चाहिए.
प्रा. डॉ. विश्वनाथ कराड ने कहा, “मैं चाहता हूं कि एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय में स्वामी जी के नाम पर यह अध्ययन केंद्र सभी को शोध, अध्ययन और अध्ययन के लिए प्रेरित करे. अब इस केंद्र के माध्यम से विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह सभी में राष्ट्र निर्माण के लिए चेतना जगाए. स्वामी जी के दर्शन के मूल में करुणा भी सिखाई जानी चाहिए”.
प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का सबसे महत्वपूर्ण संदेश यह है कि यह हमें एकता की दृष्टि रखने के लिए प्रेरित करता है. युवाओं को देश के विकास और दृष्टि का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस केंद्र के माध्यम से मूल्यात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए हम कोशिश कर रहे हैं. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह महत्वपूर्ण अंग है.
इस बीच, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय और विवेकानंद अध्ययन केंद्र कन्याकुमारी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस समय स्वामी श्रीकांतानंद ने अपने विचार व्यक्त किए.
प्रा. डॉ. अतुल पाटिल ने परिचय दिया. प्रा. स्नेहा वाघाटकर एवं प्रा. स्वप्निल सिरसाठ ने संचालन किया. डॉ. ज्ञानदेव नीलवर्ण ने आभार व्यक्त किया.