रिपोर्ट

बाँका:- राजद विधायक के दलित प्रेम पर भारी प्रशासन का महादलित कार्ड !

ब्यूरो रिपोर्ट शंखनाद :

रजौन बाजार स्थित सरदार पटेल भवन और डॉक्टर अंबेडकर भवन को लेकर राजद जदयू के बीच चल रहे सियासी घमासान पर प्रशासन ने भवन सील कर विराम लगाने की पहल की है अब विवादित सामुदायिक भवन में कल्याण विभाग का कार्यालय खुलेगा और वहां से सरकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित भी होगी। पूर्व विधायक मनीष कुमार ने करीब 28 लाख रुपए की लागत से रजौन बाजार में दो मंजिला सामुदायिक भवन का निर्माण कराया था निर्माण कराए जाने के बाद पूर्व विधायक मनीष कुमार ने इस भवन का नामकरण सरदार पटेल भवन कर दिया ।वहीं इस बार के विधानसभा में मनीष कुमार के हारे जाने के बाद धोरैया के नवनिर्वाचित राजद विधायक भूदेव चौधरी ने इस भवन को अपने हाथ में लेने की चाहत में दलित प्रेम दिखाते हुए इस भवन का पुनः उद्घाटन करते हुए भवन का नामकरण डॉक्टर अंबेडकर सामुदायिक भवन कर दिया कहा जा रहा है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि न सिर्फ इस बहाने दलित का वोट बैंक बन सके साथ ही साथ सामुदायिक भवन को खाली कराने में दलित समुदाय भी आगे रहेंगे । लेकिन ऐसा नहीं हो पाया हुआ यह कि रजौन बाजार के दो मंजिला सामुदायिक भवन के चल रहे विवाद को लेकर प्रशासन ने कुछ इस तरह विराम लगा दिया प्रशासन झगड़े की तह तक पहुंची और प्रशासन ने इस सामुदायिक भवन को कल्याण विभाग का ऑफिस घोषित कर दिया। प्रशासन की माने तो इस भवन को लेकर पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक सहित दोनों दल के कार्यकर्ता आमने-सामने हैं और ऐसा कर दिया जाने से झगड़े के मूल को ही समाप्त कर दिया गया । एक प्रकार से कहा जा सकता है कि विधायक एवं उनके कार्यकर्ताओं ने जहां सामुदायिक भवन को लेकर दलित प्रेम दिखाया वहीं प्रशासन ने इससे ऊपर उठते हुए महादलित कार्ड फेंक कर झगड़े के जड़ को ही समाप्त कर दिया

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