विश्व शांति गुम्बद भविष्य में आध्यात्मिक केंद्र बनकर उभरेगा
गुम्बद का दौरा करने पर बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने जताया विश्वास
पुणे: विश्वराज में निर्मित किया गया विश्व शांति का सबसे बडा गुम्बद जल्द ही विश्व स्तरीय आध्यात्मिक केंद्र बनकर उभरेगा. यह विश्वास बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने जताते हुए कहा कि विश्व शांति और मानव कल्याण का संदेश दुनिया भर में फैलेगा और भविष्य में विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी उभरेगा.
दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज और जगद्गुरू तुकाराम महाराज के नाम से विश्वराजबाग लोणी कालभोर में बने विश्व के सबसे बडे विश्व शांति गुम्बद का दौर करने के बाद उन्होंने अपनी राय रखी. इस समय प्रमोद कुमार की पत्नी सुषमा देवी, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.डॉ. मंगेश तु. कराड, विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार दास, दूरदर्शन के पूर्व निदेशक विजय कुमार दास और एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार महेश चोपडे उपस्थित थे.
प्रमोद कुमार ने कहा, इस गुम्बद में संतो, वैज्ञानिकों और दार्शनिकों की मूर्तियाँ आने वाले सभी लोगों को प्रेरित करेंगी. डॉ. कराड विश्व शांति की दिशा में काम कर रहे है. महात्मा गांधी की शांति और सद्भाव की विरासत को डॉ. कराड चला रहे है. भविष्य में युवाओं को इस बात का ज्ञान होगा कि भारत कैसे और किसके द्वारा विश्व गुरू बना. विश्व शांति का विशाल गुम्बद न केवल पर्यटन के लिए बल्कि वैश्विक सार्वजनिक शिक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि डोम ऑफ द पीस ९ वें आश्चर्य के रूप में उभरेगा.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, विश्व शांति का गुम्बद न केवल बडा है बल्कि इस भवन के माध्यम से मानवता विश्व कल्याण और विश्व भाईचारे का संदेश महत्वपूर्ण है. इस भवन में संतों, वैज्ञानिकों और दार्शनिकों की ५४ प्रतिमाएं स्थापित हैं. मानव इतिहास में यह पहली बार है कि इस तरह की संरचना का निर्माण किया गया है.