पुणे शहर और जिले के ग्रामीण स्कूलों की 450 लड़कियों को लीला पुनावाला फाउंडेशन की छात्रवृत्ति.
लीला पुनावाला फाउंडेशन (एलपीएफ) ने ७ कक्षा में पढ़ने वाली ४५० स्कूल की लडकियों को छात्रवृत्ति से सम्मानित किया है. पुणे शहर, गावडेवाडी, चंदोली, खिडकी और पिंपलगांव जैसे गांवों के स्कूलों की मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से दुर्बल, शैक्षणिक सुविधाओं से वंचित लड़कियों को यह छात्रवृत्ति दी गई है.
एलपीएफ के ‘टुमॉरो टुगेदर’ स्कूल छात्रवृत्ति परियोजना का यह 12वां सफल वर्ष है.
इस परियोजना की शुरुआत के बाद से, पुणे शहर और पुणे के ग्रामीण क्षेत्रों के 15 स्कूलों की लगभग 2,700 स्कूली लड़कियों को इस छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया है. जहां अब तक 7वीं कक्षा से स्नातक स्तर तक 10 वर्षों की प्रतिबद्धता के साथ छात्रवृत्ति अनुदान प्रदान किया है, जो इस परियोजना की विशेषता है.
इस छात्रवृत्ति परियोजना के तहत स्कूली छात्राओं को उनकी फीस, स्कूल सामग्री जैसे स्कूल बैग, रेनकोट, जूते, मोजे, युनिफॉर्म और किताबों के लिए आर्थिक रूप से मदद की जाती है. वित्तीय सहायता से परे, इन लड़कियों को हेल्थ एज्युकेशन, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण, परामर्श, एक्सपोजर विजिट, करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है, ताकि वे भविष्य में स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बन सकें. इस व्यापक सहयोग से ये लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं और भविष्य में आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकती हैं. छात्रवृत्ति पुरस्कार समारोह में शामिल होने वाले और लड़कियों को सम्मानित करने वाले मेहमान थे, राजेंद्र सारंगी (डायरेक्टर फायनांन्स और कंपनी सेक्रेटरी, होगानास इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) और सुनील विश्वनाथ वलसे पाटील (प्रिंसिपल, कालभैरवनाथ, लक्ष्मीबाई बाबुराव बांगर विद्यालय, खड़की, पिंपलगांव) .
इसके साथ लीला पुनावाला, पद्म श्री (अध्यक्षा, संस्थापक एलपीएफ), फिरोज पुनावाला (संस्थापक ट्रस्टी, एलपीएफ), रोडा मेहता और विनीता देशमुख ( बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) और प्रीति खरे (सीईओ, एलपीएफ) भी उपस्थित थे.
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लीला पुनावाला (पद्म श्री) ने कहा, “माता-पिता से मेरा अनुरोध है कि पैसे बचाएं और उसे लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करें न कि दहेज पर, आप उन्हें शिक्षित करें और वे हर महीने अपनी कमाई के रूप में घर में दहेज लाएगी, साथ ही माता-पिता और ससुराल वालों दोनों की देखभाल करेगी.
इस अवसर पर फिरोज पुनावाला ने कहा, “टूमारो टुगेदर यह एलपीएफ स्कूल प्रोजेक्ट मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि हमने इस प्रोजेक्ट के तहत पिछले 12 सालों में अपनी लड़कियों के जीवन में आए बदलावों को बहुत करीब से देखा है. आज हमें उन लड़कियों के जीवन में हुए बड़े बदलाव देखकर बहुत गर्व हो रहा है जो कभी सातवीं कक्षा में थी और उज्जवल भविष्य के सपने देखती थीं.
इस साल की छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ता और एलपीएफ समर्थित स्कूल की छात्रा आर्या परमार ने कहा, एलपीएफ की वजह से मैं अब अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हूं और अपने सपनों को पूरा कर सकती हूं. मैं लीला मॉम, फिरोज डॅड और एलपीएफ की दीदी इन सभी प्यारे एलपीएफ परिवार का हिस्सा बनी हूं यह मेरा सौभाग्य है. एलपीएफ से मिले समर्थन के लिए मैं बहुत आभारी हूं.
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