वनों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर दी जाएगी खदानों को मंजूरी – कमिश्नर
रीवा एमपी: कमिश्नर कार्यालय में खनिज रियायत संबंधी बैठक आयोजित की गई। बैठक में कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि रोजगार तथा राजस्व में वृद्धि के लिए खदानों की स्वीकृति आवश्यक है। वन भूमि के समीप प्रस्तावित खदानों को मंजूरी देते समय वनों की सुरक्षा तथा पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखें। वन भूमि की सीमा से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर ही खनन की मंजूरी दी जाएगी। खदान मालिक को वन भूमि तथा खदान के बीच बाउन्ड्रीवाल बनाना तथा कम से कम पांच मीटर चौड़ी पट्टी में वृक्षारोपण करना अनिवार्य होगा।
कमिश्नर ने कहा कि वन मण्डलाधिकारी तथा खनिज अधिकारी समस्त नियमों का पालन करते हुए खनिज रियायत के प्रस्ताव तैयार करें। निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने पर ही मंजूरी दी जाएगी। बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि खदान संचालक बांस के पौधे रोपित करके ग्रीन बाउन्ड्रीवाल बनाएं। इससे वन और राजस्व भूमि सीमा विवाद की भी परेशानी दूर होगी। पुरानी खदानों की अनुमति में शासन स्तर से वृद्धि की गई है। इन खदानों में भी पर्यावरण के नियमों का पालन सुनिश्चित कराएं। बैठक में सीधी जिले के दो तथा रीवा जिले के 6 प्रकरणों पर समिति ने विचार किया। रीवा जिले की बॉक्साइट की 1985 से स्वीकृत किंतु 2010 से बंद खदानों के संबंध में प्रस्ताव शासन स्तर को भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक में वन मण्डलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, संयुक्त आयुक्त निलेश परीख, उप संचालक सतीश निगम तथा खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित उपस्थित रहे।