नागपुर से ताल्लुक, RSS के करीब, दोनों मराठी ब्राह्मण…पर गडकरी की जगह फडणवीस ही क्यों, जानिए
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में फिलहाल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को संसदीय बोर्ड (BJP Parliamentary Board) से हटाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। कुछ लोग इसे गडकरी के राजनीतिक पतन की शुरुआत मान रहे हैं। वहीं कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि गडकरी के बढ़ते कद पर कैंची चलाने के लिए ऐसा किया गया है। इस वजह से उन्हें समिति से बाहर किया गया है। जबकि महाराष्ट्र के बीजेपी नेता और मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह जगह दी गई है। बता दें कि दोनों ही नेता विदर्भ से आते हैं। दोनों ही मराठी ब्राह्मण हैं। साथ ही दोनों की संघ परिवार से नजदीकियां भी जगजाहिर हैं। गडकरी को इस तरह से नजरअंदाज किये की वजह तलाशने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषकों से बातचीत की। आइए जानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस की एंट्री और नितिन गडकरी के एग्जिट के सियासी मायने क्या हैं।
फडणवीस को दिल्ली बुलाया जाएगा?
इस मुद्दे पर नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने वरिष्ठ
फडणवीस को दिल्ली बुलाया जाएगा?
इस मुद्दे पर बताया कि फ़िलहाल महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कद तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने बिहार और गोवा चुनाव में पार्टी के लिए काफी पसीना बहाया था। जिसका फायदा भी बीजेपी को हुआ था। इसके अलावा सबसे बड़ी बात महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन का पूरा श्रेय देवेंद्र फडणवीस हो जाता है। जिसकी वजह से आज राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक संकेत भी हो सकता है कि आने वाले समय में देवेंद्र फडणवीस को केंद्र सरकार दिल्ली बुलाए और उन्हें एक अहम स्थान दें।
कुछ साल पहले भी इस तरह की चर्चाएं चल रही थीं कि देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया जा सकता है। हालांकि तब यह बातें सिर्फ अफवाह निकली थीं। लेकिन अब यह अटकलें फिर से जोर पकड़ रही हैं। अब यह ज्यादा संभव नज़र आ रहा है कि आने वाले दिनों में फडणवीस को दिल्ली बुलाया जाएगा।
गडकरी की इशारों में समझाने की कोशिश
परब के मुताबिक गडकरी का कद केंद्र और देश में तेजी से बढ़ रहा था। साथ ही गडकरी और फडणवीस दोनों ही विदर्भ से आते हैं। इसके अलावा एक ही क्षेत्र से दो नेताओं को केंद्रीय चुनाव समिति लेना भी नैतिक रूप से ठीक नहीं होता। वहीं फडणवीस, महराष्ट्र बीजेपी के रिजल्ट देने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। साथ ही केंद्र गडकरी को एक संदेश भी देना चाहता होगा। क्योंकि बीते कुछ दिनों में गडकरी के बयान भी चर्चा का केंद्र बने थे।
ये नेता बन सकते हैं महाराष्ट्र में फडणवीस के विकल्प
सचिन परब ने कहा कि यह भी एक रणनीति हो सकती है। जिसमें महाराष्ट्र से दिल्ली जाने की सूरत में देवेंद्र फडणवीस के विकल्प के रूप में राज्य में बीजेपी के चंद्रशेखर बावनकुले, सुधीर मुनगंटीवार या आशीष शेलार जैसे नेताओं को ताकत दी जाए। हालांकि इस रेस में आशीष शेलार के शामिल होने की संभावनाएं काफी कम हैं। इसका उदाहरण खुद विनोद तावड़े हैं जिन्हें महाराष्ट्र की सियासत से पहले अलग किया गया और बाद में उन्हें केंद्र में अहम जिम्मेदारी दी गयी। उसी प्रकार फडणवीस को पहले डिप्टी सीएम बनाया गया लेकिन अब उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में गडकरी को हटाकर जगह दी गई।