सीतामढ़ी

जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में मुस्कान सर्टिफिकेशन से संबंधित बाल चिकित्सा शाखा (पीडियाट्रिक डिवीजन) में उपलब्ध की जाने की वाली सुविधाओं की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में मुस्कान सर्टिफिकेशन से संबंधित बाल चिकित्सा शाखा (पीडियाट्रिक डिवीजन) में उपलब्ध की जाने की वाली सुविधाओं की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने समीक्षात्मक बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि मुस्कान सर्टिफिकेशन के तहत विभिन्न indicators में अपेक्षित सुधार करते हुए बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के मद्देनजर प्रभावी कार्य करना सुनिश्चित करें ।बैठक में इंडिकेटर वार सभी बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी यूनिसेफ के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि के द्वारा जिलाधिकारी को उपलब्ध कराई गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के अस्पताल में बाल चिकित्सक डिवीजन में *मुस्कान सर्टिफिकेशन* के तहत विभिन्न इंडिकेटर में अपेक्षित सुधार करें ताकि अस्पताल को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की दिशा में हम और आगे बढ़ सकें। उन्होंने आईसीडीएस डीपीओ को निर्देशित किया कि जिले में जो भी “शैम” बच्चे हैं उनको चिन्हित करते हुए एनआरसी में भर्ती कराना सुनिश्चित करें ताकि वैसे बच्चों का बेहतर इलाज की सुविधा वहां उपलब्ध हो सके। इसके अलावा जिलाधिकारी ने पीडियाट्रिक शाखा, एस एन सी यू, एनआरसी,आई पी डी, ओ पी डी के अतिरिक्त ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर, न्यूट्रिशन काउंसलिंग इत्यादि को लेकर जिला अस्पताल में की व्यवस्था की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंडिकेटर पर क्या प्रगति हुई इसकी जानकारी अगले 15 दिनों के बाद की जाने वाले बैठक में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

बैठक में उपस्थित यूनिसेफ के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि ने कहा कि *मुस्कान* एक इनिशिएटिव है जो जिले में बाल चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं एवं अस्पताल को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की दिशा में भारत सरकार के द्वारा उठाया गया एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है ताकि अलग-अलग क्लीनिकल पैरामीटर में और अधिक सुधार हो। उन्होंने कहा कि इसके तहत ब्रेस्टफीडिंग एवं पोषण पर काउंसलिंग भी की जाएगी तथा इसके माध्यम से एनआरसी शैम बच्चों को भर्ती कराते हुए बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध किया जा सकेगा। हमने कहा कि इसके लिए चिकित्सकों ,एएनएम और जीएनएम का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कैलेंडर बनाकर प्रशिक्षण कार्य करना सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में सिविल सर्जन , जिला जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह सहित, डीपीएम स्वास्थ्य विभाग,केयर और यूनिसेफ के प्रतिनधि के साथ अन्य वरीय चिकित्सक मौजूद थे।

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