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नवाचार का जुनून, समर्पित दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत ही है सफलता की कुंजी

नवाचार का जुनून, समर्पित दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत ही है सफलता की कुंजी
‘टेक्नोफोर’ की 50 वीं वर्षगांठ समारोह संस्थापकों का कर्मचारियों द्वारा कृतज्ञता सम्मान

पुणे: “नवाचार का जुनून, कड़ी मेहनत, समर्पित दृष्टिकोण, अच्छा प्रबंधन, सख्त योजना और क्रियान्वयन और श्रमिकों की एकता ‘टेक्नोफोर’ की सफलता की कुंजी है। 50 साल की इस समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी को आगे बढ़ाना चाहिए। हम उन कर्मचारियों, परिवारों, ग्राहकों और उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने संगठन की स्थापना से लेकर अब तक की प्रगति यात्रा में योगदान दिया है, ऐसी भावना टेक्नोफोर ग्रुप के संस्थापको ने व्यक्त की.

नवीन प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों के निर्माण और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी टेक्नोफोर की 50वीं वर्षगांठ (स्वर्ण जयंती समारोह) के अवसर पर सर्वश्री रमाकांत कुलकर्णी, उदय गोडबोले और प्रवीण ढोले इन तीन संस्थापकों को कर्मचारियों द्वारा सम्मानित किया गया। शनिवार पेठ स्थित विष्णु कृपा सभागार में आयोजित समारोह में ‘टेक्नोफोर’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिकेत नानजकर, अजित गोखले, सुरेश सुब्रह्मण्यम, मनुष्यबळ विकास प्रबंधक मंदार पुरंदरे आदी उपस्थित थे। इस अवसर पर चौथे संस्थापक स्वर्गीय श्रीकांत कुडेकर को श्रद्धांजलि दी गई।

रमाकांत कुलकर्णी ने कहा, “संगठन के कर्मचारियों के साथ हमारे संबंध स्नेही और करीबी रहे हैं। वे सिर्फ कर्मचारि नहीं हैं, बल्कि सहकर्मी हैं। हम उनकी समस्याओं को जानने और उन्हें आवश्यक मदद देने के साथ-साथ अच्छा काम से उनकी पीठ थपथपायी जाती है। उससे कर्मचारी प्रेरित होते हैं और संगठन की प्रगति में अच्छा योगदान देते हैं।” सभी कर्मचारी टेक्नोफोर को एक परिवार के रूप में मानते हैं और इस 50 साल की परंपरा को बनाए रखेंगे।”

उदय गोडबोले ने कहा, “पांच सौ रुपए की पूंजी से शुरू हुआ कारोबार अब 50 साल का हो गया है। आज ‘टेक्नोफोर’ दुनिया के 32 देशों में उत्पादों का निर्यात कर रहा है। इसके पीछे अपार मेहनत, नवाचार और गुणवत्ता है। श्रमिकों का योगदान और साथियों का सहयोग इस यात्रा में बहुत कीमती रहा है। इस यात्रा में आत्मविश्वास के बल पर कई कठिनाइयों को पार करने के बाद, हम चारों ने ‘टेक्नोफोर’ संगठन को एक नाम के रूप में लाया। हमने अपनी नौकरी छोड़ दी और व्यापार में नए नए प्रयोग करने की कोशिश की। ”

प्रवीण ढोले ने कहा, “आईआईटी के चार सहपाठियों द्वारा कुछ नया करने की नीयत से शुरू किया गया कारोबार दुनिया में फैल गया है। समय-समय पर मिले मौके का पूरा फायदा उठाकर हमने ‘टेक्नोफोर’ का विस्तार करने की कोशिश की। इस प्रयोग में अत्याधुनिक तकनीक को जोड़कर चार अलग-अलग विषयों के इंजीनियर एक साथ आए। हमारी प्राथमिकता विदेशी उत्पादों का आयात करने के बजाय भारतीय निर्मित उपकरणों का निर्माण करना था।

इस अवसर पर कर्मचारियों की ओर से प्रतिनिधि विचार व्यक्त किए गए। सूत्रसंचालन मीनाक्षी दामले ने किया। अनिकेत नानजकर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखके सभी का आभार व्यक्त किया।

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