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भ्रष्ट लोगों को चुनना बंद करो:उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस: एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के १२वीं भारतीय छात्र संसद का समापन समारोह

भ्रष्ट लोगों को चुनना बंद करो:उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस: एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के १२वीं भारतीय छात्र संसद का समापन समारोह

पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने युवाओं और नागरिकों से भ्रष्टाचार को मिटाने और धन तथा सत्ता के दुष्चक्र को तोडने के लिए भ्रष्ट उम्मीदवारों को चुनने से रोकने की अपील की.
भारतीय छात्र संसद फाउंडेशन, एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय छात्र संसद के १२वें संस्करण के समारोप समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा विश्वविद्यालय दो प्रकार के होते है शैक्षकि संस्थान और सोशल मीडिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए झूठी खबरें और नकारात्मकता फैलाई जा रही है. यह नकारात्मकता हमें एक राष्ट्र के रूप में विकसित होने में कभी मदद नहीं करेगी. युवाओं को अपने कर्तव्य पथ का पालन करना चाहिए. छोटा या बड़ा हो उसे इस देश के विकास में योगदान देना चाहिए.


आगे उन्होंने कहा कि युवाओं को मूल्यवान मानव संसाधन बनना चाहिए और देश के आर्थिक विकास का हिस्सा बनना चाहिए. हम अपनी नई शिक्षा नीतियों के माध्यम से रोजगार योग्य युवाओं को निर्माण कर रहे है. स्टार्टअप धन और रोजगार भी पैदा कर रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की नीतियां विभिन्न जन समर्थक नीतियों के माध्यम से इस धन के समान वितरण पर केंद्रित है.

इस मौके पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमारी, राज्य के युवा एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन और वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई.
साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्रो. शरदचंद्र दराडे पाटिल और मंगेश जाधव उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने ऑनलाइन के माध्यम से अपनी संवेदना व्यक्त की.
राज्यपाल भगतसिंह कोश्यरी ने कहा, इस पहल से आधुनिक विज्ञान और अध्यात्म एक साथ आए है. इसके दो महत्वपूर्ण घटक है. और यही देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा. जीवन में लक्ष्य निर्धारित करते समय युवाओं को निरंतर आशावादी होना चाहिए. आज निराशाजनक मामलों पर प्रकाश डाला गया है. यह अनुचित है. हम राजनीति को दूर नहीं रख सकते. लेकिन साथ ही युवाओं को लोकतंत्र को स्वीकार कर काम करना चाहिए. जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए. उन्होंने हमसे नए भारत के निर्माण के लिए प्रयास करने की अपील की.

सुमित्रा महाजन ने कहा, युवा काम करते समय हर पल महत्वपूर्ण है. इसे ध्यान में रखें और काम करें. साथ ही वरिष्ठों से लगातार संवाद करते रहना चाहिए और अनुभवों का आदान प्रदान करना चाहिए. यदि आपका मन शुध्द है तो आप राजनीति में भी सफलता पूर्वक कार्य कर सकते हैं. याद रखें कि सफलता आपकी है यदि आप न केवल पद के लिए बल्कि देश के लिए भी काम करते है. व्यक्तित्व विकास के साथ चरित्र विकास पर भी जोर देना चाहिए. उच्च पद पर जाने के लिए व्यक्ति में शारीरिक गुण होने चाहिए और उसमें उपलब्धि को जोड़ना चाहिए.
गिरीश महाजन ने कहा, देश में युवाओं की संख्या बढी है. यह निश्चित रूप से स्वागत योग्य है कि इस शक्ति को सही दिशा में ले जाने के लिए संगठन का कार्य किया जा रहा है. राजनीति में कभी कोई सेवानिवृत्त नहीं होता है इसलिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा इस मानसिकता को बदलने के लिए काम करें कि कोई भी राजनीति में शामिल होने के इच्छुक नहीं है.
मीरा कुमारी ने कहा, सामाजिक समरसता की अवधारणा को फैलाने के लिए युवाओं को पहल करनी चाहिए. इसके तहत महिलाओं के प्रति सम्मान और सभी के साथ समान व्यवहार का प्रसार किया जाना चाहिए. इसके लिए सकारात्मक सोच की जरूरत है. यह सोच सभी में आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए भी युवाओं को प्रयास करना चाहिए.
डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा, यह सिर्फ एक घटना नहीं है जो पिछले तीन दिनों से चल री है, बल्कि यह विचारों का आंदोलन है. भारत में विचारों की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें जीवन में उतारने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए. युवाओं को इस इच्छा शक्ति होनी चाहिए. युवाओं को इस इच्छा शक्ति को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए. उसके लिए जरूरी है कि कडी मेहनत की तैयारी हो, मन में स्पष्ट लक्ष्य हो, उसे हकीकत में बदलने की इच्छा शक्ति और नेतृत्व के गुण हो.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, भारतीय संस्कृति, दर्शन और परंपरा देश की महिमा है. साथ ही अध्यात्म और विज्ञान के संगम का अनुभव होने के कारण संगठन कई वर्षों से युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास कर रहा है. युवा पीढ़ी को इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने यह अपेक्षा व्यक्त की इसके लिए उन्हें रोल मॉडल की तरह काम करना चाहिए.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, सभी राजनीतिक नेता भ्रष्ट नहीं होते. इसलिए युवाओं को राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए. भारतीय छात्र संसद के माध्यम से समाज को अच्छे और सुशिक्षित नेता उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. समाज और देश के समग्र विकास में युवाओं का योगदान अमूल्य रहेगा.
एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति प्रो.डॉ. आर.एम.चिटणीस ने प्रस्तावना रखी.
प्रा.डॉ. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन किया. डॉ. के.गिरीसन ने आभार माना.

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