पूणे

वंचित विकास द्वारा ‘अभया’ अभियान

वंचित विकास द्वारा ‘अभया’ अभियान

पुणे : विधवा, परित्यक्त, अविवाहित, तलाकशुदा, पति को छोडी हुई, पति द्वारा परित्यक्त, बिना शादी की जैसे शब्दों का प्रयोग कर हम एकल महिलाओं का अपमान करते हैं। ऐसे शब्दों का उस व्यक्ति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी गंभीर मामले को ध्यान में रखते हुए वंचित विकास संगठन की ओर से इन महिलाओं के सम्मान के लिए ‘अभया’ अभियान चलाया गया है. ऐसी जानकरी संगठन की कार्यवाहक एवं निदेशक मीनाताई कुर्लेकर ने प्रेस कॉन्फरेन्स में दी। इस अवसर पर निदेशक सुनीता जोगलेकर, मीनाक्षी नवले और अन्य उपस्थित थे।

मीनाताई कुर्लेकर ने कहा, “सिंगल वुमन की बात करते समय हम अक्सर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आसानी से कर लेते हैं। हालांकि, हम उनके दिमाग पर पड़ने वाले असर के बारे में नहीं सोचते।जो विपरीत परिस्थितियों में निडर होकर खड़ी होती है ऐसी महिला यानी अभया है। जिन्होंने संघर्ष का सामना किया है ऐसी सभी महिलाओं को हमें ‘अभया’ कहना चाहिए । हम विकलांगों के लिए मानसिक रूप से विक्षिप्त दिव्यांगों सहित जानवरों के लिए श्वान, वराह जैसे सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करते हैं। फिर हमें सोचना चाहिए कि इन महिलाओं के मामले में हमें भाषाई संवेदनशीलता दिखानी चाहिए या नहीं। इसी को ध्यान में रखते हुए हम समाज में इन महिलाओं के सम्मान के लिए यह अभियान चला रहे हैं।”

“इस अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। सभी प्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री, गृह मंत्रि, प्रधानमंत्रि, राष्ट्रपति को आवेदन दिए जाएंगे। ऐसी महिलाओ के लिए ‘अभया’ शब्द का इस्तेमाल करने का आग्रह उनसे किया जाएगा,” ऐसा मीनाताई कुर्लेकर ने कहा।

अभय’ के लिए संचार सुविधा
अक्सर ऐसी महिलाएं अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करना चाहती हैं। हालांकि, उन्हें समझ नहीं आता कि किससे बात करनी है। इसके लिए संगठन की ओर से ‘अभया’ से संवाद करने के लिए ‘अभया-मनातली’ की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जो लोग यह खुला संचार करना चाहते हैं वे 9370825368 इस नंबर पर संपर्क कर सकते है। यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क और गोपनीय है, ऐसा सुनीता जोगलेकर ने कहा।

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