समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण),मनरेगा इत्यादि से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई.
मनरेगा से संबंधित समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा अपने – अपने प्रखंडों में पंचायत वार कैम्प लगाकर जॉब कार्ड उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें जिसमें अनुसूचित जातियों एवं महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाए।उन्होंने कहा कि मनरेगा एक्ट के अनुसार रोजगार मुहैया कराई जाए। जॉब कार्ड निर्गत के साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने में भी अनुसूचित जाति एवं महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि अक्टूबर के अंत तक सभी प्रखंडों में मनरेगा के द्वारा उपलब्ध कराए गए रोजगार का कम से कम 30% आच्छादन अनुसूचित जाति के मजदूरों एवं 65 प्रतिशत आच्छादन महिलाओं से हो। इसमें किसी भी तरह की कोताही /लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा के क्रम में उन्होंने पाया कि अनुसूचित जाति का आच्छादन 11.84% है जबकि महिलाओं का लगभग 55%।उन्होंने हिदायत दी कि अक्टूबर के अंत तक 30%और महिलाओं का 65प्रतिशत से कम रहा तो इसके लिए संबंधित पीओ जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा के तहत सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के समीक्षा के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा इस आशय का रिपोर्ट देंगे कि कि निजी और सार्वजनिक कौन-कौन स्थलों पर और कितने वृक्ष लगाए गए। उन्होंने कहा कि तय मानकों के आधार पर वृक्षारोपण हो और इसमें पूरी पारदर्शिता निहित हो।
शौचालय निर्माण की समीक्षा के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि जिन लाभुकों के द्वारा शौचालय बना दिया गया है परंतु उसका भुगतान नहीं किया गया है उनको तत्काल भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस पर सख्त नाराजगी प्रकट करते हुए चेताया कि प्राथमिकता के आधार पर भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट के (WPU)बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि 49 पंचायतों का चयन किया गया है जिसमें 30पंचायतों में कार्य प्रारंभ है जबकि 4 जगहों पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने अभी तक सभी पंचायतों में कार्य शुरू नहीं करने पर/ कार्य की पूर्णता की संख्या कम होने पर सख्त नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिया कि तय समय सीमा के अंदर वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण सभी 49 पंचायतों में करना सुनिश्चित किया जाए।
वही ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के समीक्षा के क्रम में जानकारी दी गई 666 वार्डो में 339 लक्ष्य के विरुद्ध कुल 268 पैडल रिक्शा का क्रय किया गया है जबकि कुल 49 लक्ष्य के विरुद्ध 28 ई रिक्शा की खरीदारी की गई है। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया कि क्रय किए गए सामानों की गुणवत्ता की जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी से करा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि निर्धारित सभी पंचायतों में यथाशीघ्र डोर टू डोर कलेक्शन की शुरुआत की जाए। इस पर हो रहे विलंब पर उन्होंने सख्त नारजगी प्रकट की। बताया गया कि 18 पंचायतों में डोर टू डोर कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने सभी पंचायतों में शुरू करने का निर्देश दिया। वही तरल कचरा प्रबंधन के तहत सामुदायिक सोक पीट का कुल टारगेट 1756 के विरुद्ध 208 सामुदायिक सोक पीट का निर्माण कराया गया है। निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध कार्य की धीमी प्रगति पर उन्होंने नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देशित किया कि कार्य की गति को बढ़ावें।
सामुदायिक शौचालय निर्माण का कुल लक्ष्य 163 के विरुद्ध 143 का निर्माण हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शेष 20 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण शीघ्र कराना सुनिश्चित करें और निर्मित सामुदायिक शौचालयों में से जो अनफंक्शनल हैं उन्हें शीघ्र फंक्शनल करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उप विकास आयुक्त को इसका स्वयं अनुश्रवण करने का निर्देश दिया। निर्देश दिया कि जिला समन्वयक/ प्रखंड समन्वयक के कार्य की समीक्षा करें,कोताही पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
बैठक में डीआरडीए निदेशक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह के साथ डीपीओ मनरेगा राजीव कुमार सिंह, डिस्टिक कोऑर्डिनेटर जिला जल स्वच्छता समिति शंकर शंभू एवं सभी प्रखंडों के कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।