महात्मा गांधी आदर्श, प्रेरणादायी जीवन की सीख
डॉ विजय भटकर का प्रतिपादन; सूर्यदत्त ग्लोबल पीस रिसर्च फाउंडेशन द्वारा ‘गांधीयन फिलोसॉफ़ी अवॉर्ड’ प्रदान
डॉ विजय भटकर कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत : प्रो. डॉ संजय चोरडिया
सूर्यदत्त ग्लोबल पीस रिसर्च फाउंडेशन द्वारा महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर डॉ. विजय भटकर को 5वां ‘गांधीयन फिलोसॉफ़ी अवॉर्ड’ प्रदान
पुणे: “महात्मा गांधी एक आदर्श, प्रेरणादायक जीवन का पाठ हैं। उनके विचारों को हमें अपने दैनिक जीवन में तकनीक का उपयोग करते हुए अपनाने चाहिए,” ऐसा प्रतिपादन वरिष्ठ कंप्यूटर वैज्ञानिक डॉ. विजय भाटकर ने किया।
सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित सूर्यदत्त ग्लोबल पीस रिसर्च फाउंडेशन की ओर से डॉ. विजय भटकर को पांचवें ‘गांधीयन फिलोसॉफ़ी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।यह समारोह बावधन कॅम्पस के बन्सी-रत्न मेमोरियल हॉल में हुआ। इससे पूर्व ‘गांधीयन फिलोसॉफ़ी अवॉर्ड’ जैन इरीगेशन के भवरलाल जैन, गांधी विद्वान डॉ. कुमार सप्तर्षि, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता डॉ. सत्यव्रत शास्त्री को प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, उद्यमी रामदास माने, उद्यमी सुप्रिया बडवे, माइंड पावर ट्रेनर डॉ. दत्ता कोहिनकर, सुनील पारेख, शांताराम जाधव, शांतिदूत परिवार के डॉ. विट्ठल जाधव, तृषाली जाधव, विद्याताई जाधव, डॉ. सागर देशपांडे, ‘सूर्यदत्त’ के कार्यकारी निदेशक प्रो. अक्षित कुशल आदि उपस्थित थे। रमेश पाचंगे और साथियों ने शहनाई-चौघडा बजाया।
डॉ विजय भटकर ने कहा, “गांधी के नाम पर पुरस्कार प्राप्त होना बहुत खुशी की बात है। जब मैं पुणे आया, तब मुझे एक बहुउद्देश्यीय सुपर कंप्यूटर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। अमेरिका द्वारा सुपर कंप्यूटरों को खारिज किए जाने के बाद भारत ने इस चुनौती का स्वीकार किया था। इसने इस तकनीक को विकसित किया। इस देश में 70 से 80 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। उनके लिए इस तकनीक को विकसित करना लक्ष्य था। डॉ होमी भाभा, डॉ विक्रम साराभाई की प्रेरणा से इस परियोजना को पूरा किया गया था। जनोन्मुखी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर जोर दिया।”
प्रो डॉ संजय चोरडिया ने कहा, “सूर्यदत्त शिक्षण संस्थान गांधीवादी विचारों के आदर्श के साथ दो दशकों से काम कर रही है। हम अपने छात्रों और शिक्षकों में गांधी विचारों को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ विजय भटकर हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। गांधी जी की तरह उनका व्यक्तित्व सादा जीवन और उच्च विचार वाला है। कंप्यूटर के क्षेत्र में उनका योगदान भारत के लिए गर्व की बात है। उनके मार्गदर्शन से कई लोगों का जीवन खिला है। नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होना बहुत बड़ी बात है। डॉ भटकर का भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बडा योगदान रहा हैं।