येरवडा सेंट्रल जेल में बंदियों द्वारा बनाए गए सामान को बेचने का आयोजन
पुणे महाराष्ट्र: दिवाली के अवसर पर येरवदा सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की प्रदर्शनी का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर ने किया।
इस दौरान दंत चिकित्सक डॉ. भारती प्रदीप कुरुलकर, वेस्ट डिवीजन उप महानिरीक्षक कारा स्वाति साठे, उप महानिरीक्षक कारा (मुख्यालय) सुनील धमाल, जेल अधिकारी कॉलेज के प्राचार्य चंद्रमणि इंदुरकर, यरवदा सेंट्रल जेल अधीक्षक शिव शंकर पाटिल, उर्मिला पाटनकर, सुषमा कोंधे (दशमुख) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस वर्ष अन्य फर्नीचर के साथ आसमानी लालटेन, ऊँट, आकर्षक पेंटाये, दीपावली के लिए बंदियों द्वारा बनाए गए स्नैक्स बिक्री पर हैं।
इस अवसर पर श्री कुरुलकर ने कहा कि बंदियों को विशेषज्ञों के माध्यम से मार्गदर्शन करने में मदद की जाएगी ताकि वे आधुनिक तरीके से खेती कर सकें।
सजा के बाद जब आरोपी जेल में दाखिल होते हैं तो उन्हें काफी समय बंद जेल में गुजारना पड़ता है। उस अवधि के दौरान कैदियों को नियमित रूप से जेल में विभिन्न कारखानों में नियोजित किया जाता है और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके माध्यम से बंदी कई कौशल प्राप्त करता है और एक इंसान के रूप में समाज में फिर से शामिल होने के लिए सब कुछ सीखता है।
कारागार में लोहे और लकड़ी के फर्नीचर (अलमारियां, मेज, कुर्सियाँ), वर्दी, सतरंजय, कागज की फाइलें, चादरें, तौलिये आदि बड़ी मात्रा में उत्पादित होते हैं। इन वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण आम नागरिकों से इन वस्तुओं की काफी मांग है।
बंदियों की प्रतिभा को अवसर देने के लिए विभिन्न नवोन्मेषी उत्पादों का उत्पादन कर प्रदर्शनियों के माध्यम से नागरिकों को बेचा जाता है। गणेश प्रतिमाओं को बेचने के लिए जेल विभाग द्वारा दिवाली मेला, रक्षा बंधन मेला, नेटाल मेला, गणेश उत्सव आयोजित किए जाते हैं।