आनंद शिविर में शामिल होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुल्क विभाग वहन करेगा
रीवा एमपी: कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया है कि ऑर्ट ऑफ लिविंग संस्थान बैंगलोर, ईशा फाउण्डेशन योग सेंटर कोयंबटूर, आईओएफसी पंचगनी पुणे महाराष्ट्र में आयोजित होने वाले आनंद शिविर प्रशिक्षण सत्र में शामिल होने वाले शासकीय प्रतिभागियों का प्रशिक्षण शुल्क राज्य के आनंद संस्थान द्वारा अपने उपलब्ध बजट से वहन किया जाएगा। उपरोक्त प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए पंजीयन कराना होगा। पंजीयन शुल्क मात्र पांच सौ रुपए शासकीय सेवकों को वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय अधिकारी-कर्मचारी आगामी आनंद शिविर प्रशिक्षण सत्र में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। इसके लिए संस्थान की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू आनंद संस्थान एमपी डॉट इन पर जारी की जाएगी।
कलेक्टर ने बताया कि ऑर्ट ऑफ लिविंग संस्थान बैंगलोर, ईशा फाउण्डेशन योग सेंटर कोयंबटूर, आईओएफसी पंचगनी पुणे महाराष्ट्र में आयोजित होने वाले आनंद शिविर प्रशिक्षण सत्र में शामिल होने वाले शासकीय सेवकों को पांच सौ रुपए पंजीयन शुल्क एवं 18 हजार रुपए या 20 हजार रुपए प्रशिक्षण शुल्क कर्मचारी के संबंधित विभाग द्वारा करने की व्यवस्था की गई थी। प्रशिक्षण समाप्ति के उपरांत शुल्क की राशि आनंद संस्थान द्वारा संबंधित प्रशिक्षण संस्थान को भुगतान की जाती थी। इसके बाद संबंधित शासकीय विभाग से उक्त शुल्क राशि की प्रतिपूर्ति राज्य आनंद संस्थान द्वारा प्राप्त की जाती है। इस प्रक्रिया में समय एवं श्रम का अपव्यय होने तथा संस्थान की राशि की प्रतिपूर्ति में काफी विलंब होने के कारण 17 सितम्बर 2020 को संशोधन कर आनंद शिविर में भाग लेने वाले शासकीय सेवकों द्वारा पंजीयन शुल्क एवं प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान स्वयं करने का प्रावधान किया गया है। प्रशिक्षण समाप्त होने के उपरांत प्रशिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति उनके विभाग द्वारा करने का प्रावधान किया गया है। इस संशोधित व्यवस्था के उपरांत समीक्षा में पाया गया कि शासकीय सेवकों द्वारा प्रशिक्षण शुल्क स्वयं वहन करने के निर्देश के कारण आनंद शिविर के प्रशिक्षण में पंजीयन एवं शामिल होने के लिए रूचि नहीं ली जा रही थी। विगत दो वर्ष से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी इसी कारण नहीं कराया गया। कलेक्टर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में आयोजित होने वाले आनंद शिविर में शासकीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुल्क राज्य आनंद संस्थान द्वारा अपने उपलब्ध बजट से वहन करने का प्रावधान कर दिया गया है।