ब्यूरो रिपोर्ट : बांका
जहाँ एक ओर राज्य सरकार जल जीवन हरियाली जैसे जनकल्याणकारी योजना को धरातलीय क्रियान्वित करने को उत्सुक है ।इसको लेकर हरेक माह के प्रत्येक प्रथम मंगलवार जल जीवन और हरियाली दिवस भी मना रही है ।लेकिन इन यथार्थ को न जाने कौन सी ताकतें निरंतर मुंह चिढ़ा रही है !!
ताजा मामला बाराहाट प्रखंड के पंजवारा थाना क्षेत्र का है जहाँ प्रत्येक दिन दर्जनों ट्रैक्टर खुलेआम प्रतिबंधित बालू घाटों से अवैध खनन कर डंपिंग कर रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है ।प्रशासनिक अमले के ही एक कर्मी अपना नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं की इन सभी अवैध खनन की जानकारी सबों को है और ट्रेक्टर से लेकर जुगाड़ गाड़ी और साईकल तक का कमिशन तय है जो समय पर नीचे से ऊपर तक पहुँचा दिया जाता है सो खबर छापने का क्या प्रयोजन ??
अब सवाल भी लाजमी है लेकिन फिर प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार के उन संकल्पों का क्या जो उन्होंने निश्चय योजना 2 के दौरान लिए हैं ।ऐसी परिस्थितियों में जिला प्रशासन द्वारा कई बार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सख्ती बरती गई है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही ढाक के तीन पात वाली बात चरितार्थ होती है ।कारण है कि अवैध खनन के मुनाफे का हिस्सा माफियाओं से लेकर संवेदक तक और खनन विभाग तक भी पहुँचने की चर्चा सरेआम है। ऐसे में जिला प्रशासन किस कदर इन समस्याओं से निपटने की योजना बनाती है ये देखने वाली बात होगी ।
बहरहाल जब इस संदर्भ में हमने पर्यावरणविद और पंजवारा उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विमल कुमार विनोद से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अगर खनन इसी रफ्तार से बदस्तूर जारी रहा है तो क्षेत्र की किसानी का चौपट होना तय है औऱ आगामी दस वर्षों में संभावित कटाव से पंजवारा के लोगों को मजबूरन विस्थापित होने का भी प्रबल संकट प्रतीत होता है ।