किसान अपनी सुविधा से कर सकते हैं धान का उपार्जन – कलेक्टर
गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र किसानों की सुविधा के लिए है – कलेक्टर
रीवा एमपी:जिले भर में 28 नवम्बर से पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन आरंभ हो गया है। इस संबंध में कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि धान का उपार्जन करने के लिए 123 खरीदी केन्द्र बनाए हैं। इन सभी खरीदी केन्द्रों को जिले के नक्शे पर दर्शाकर इसका सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए जिले में 24 गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों में किसानों से उपार्जित धान का तत्काल भण्डारण करके दो दिवसों में भुगतान दिया जा रहा है। गोदाम स्तर पर सर्वेयर द्वारा धान की गुणवत्ता की भी मौके पर ही जांच करने के कारण गुणवत्ता के संबंध में भी कोई कठिनाई नहीं आ रही है। खरीदी गोदाम स्तर पर होने से इसके परिवहन की आवश्यकता नहीं है। खरीदी के साथ ही इसका भण्डारण हो जाता है। भण्डारण होने पर तत्काल स्वीकृति पत्रक जारी होने से किसान को उनके बैंक खाते में दो-तीन दिनों में भुगतान हो रहा है। गोदाम स्तर पर खरीदी से वर्षा अथवा अन्य कारणों से उपार्जित धान में किसी तरह की हानि की भी आशंका नहीं है।
कलेक्टर ने कहा कि कई गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र पहली बार बनाए गए हैं इसलिए उनमें सुविधाओं में कुछ कमी हो सकती है, लेकिन उपार्जन के लिए समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। गोदाम स्तर पर खरीदी से धान के उपार्जन में तेजी आएगी। किसान नई व्यवस्था के अनुरूप धान उपार्जन का लाभ लें। कलेक्टर ने कहा कि उपार्जन के लिए पंजीकृत किसान अपनी सुविधा के अनुसार खरीदी केन्द्र का निर्धारण करके उसमें दिनांक और खरीदी समय का स्लॉट बुक कर सकते हैं। इसकी ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। अपनी सुविधा के अनुसार दिन और समय निर्धारित करके स्वेच्छा से किसी भी खरीदी केन्द्र में अपना धान दे सकते हैं। उपार्जन के संबंध में कसी तरह की कठिनाई आने पर विकासखण्ड स्तरीय तथा जिला स्तरीय निगरानी समिति को इसकी सूचना दें। राजस्व अधिकारियों खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को भी खरीदी के संबंध में सूचना देकर किसान अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते हैं। खरीदी केन्द्रों में किसान अच्छी गुणवत्ता की सूखी हुई धान लेकर ही आएं।