शाश्वत जलापूर्ति व सार्वजनिक स्वास्थ्य’ पर मंथन इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन का 55 वां वार्षिक अधिवेशन 20 जनवरी से
– देशभर के विशेषज्ञों, इंजीनियरों का तीन दिनों तक लगेगा जमावड़ा
– मंत्री गुलाबराव पाटिल, चंद्रकांत पाटिल के हाथों होगा उद्घाटन
– इंजी. अनिल कुमार गुप्ता को ‘जलनिर्मलता’, डॉ. पराग सदगीर को ‘जलसेवा’ पुरस्कार
पुणे: जल प्रबंधन से जुड़ी तकनीक, विकास और योजना के लिए कार्य कर रहे इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन (आईवा) का तीन दिवसीय 55वां अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन 20, 21 और 22 जनवरी 2023 को हो रहा है. ‘शाश्वत जलापूर्ति व सार्वजनिक स्वास्थ्य- सबके लिए उपलब्धता’ की अवधारणा पर देश भर के विशेषज्ञ इस सम्मेलन में मंथन करेंगे, ऐसी जानकारी सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष, ‘आईवा’ के उपाध्यक्ष और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के मुख्य अभियंता सुभाष भुजबल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
पत्रकार भवन में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयोजन समिति के उपाध्यक्ष, ‘आईवा’ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. डी. बी. पानसे, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की अधीक्षक अभियंता वैशाली आवटे, उद्यमी अनंत नामपुरकर, पराग कश्यप, अनिल कुलकर्णी, शिवराज कुलकर्णी, राजेंद्र आंटद, दिलीप पंडित, दीपक म्हस्के आदि मौजूद थे।
सुभाष भुजबल ने कहा, ”इस सम्मेलन का उद्घाटन राज्य के जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल और पुणे के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल 20 जनवरी को हडपसर के मेस्से ग्लोबल (लक्ष्मी लॉन) पुणे में करेंगे. विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे. साथ ही जलापूर्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। लखनऊ के इंजी. अनिल कुमार गुप्ता को ‘जल निर्मलता’, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे के डॉ. पराग सदगीर को ‘जलसेवा’ पुरस्कार, लखनऊ के पल्लवी राय को एक युवा महिला इंजीनियर के रूप में ‘ब्रिज नंदन शर्मा पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य पुरस्कारों का वितरण भी इस सम्मेलन में किया जाएगा।”
डॉ. डी. बी. पानसे ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के पूर्व निदेशक डॉ. राजेंद्र शेंडे और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. नितिन करमलकर जलवायु परिवर्तन से पानी पर होने वाले प्रभाव पर व्याख्यान देंगे। युवाओं को उद्योग के लिए बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पार्क के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र जगदाले, पुणे नगर पालिका की सह आयुक्त पूनम मेहता, वैज्ञानिक डॉ. पवन लाभशेटवार, यूनिसेफ इंडिया के यूसुफ कबीर, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अमर सुपाते, मुख्य अभियंता सुभाष भुजबल, एम. मथियालगन आदि मार्गदर्शन करेंगे। यूनिसेफ और स्थानीय संगठनों के सहयोग से यह सत्र हो रहा है।”
“इस सम्मेलन में ‘हर घर जल: चुनौतियां और समाधान’, ‘ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए 24 घंटे पानी की आपूर्ति’, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट जल योजना’, मानव मल की योजना/प्रबंधन’, ‘जल शोधन और सीवेज उपचार’, ‘प्रणालियों का संचालन और रखरखाव’, ‘जल संसाधनों का प्रबंधन’ आदि विषयों पर विचार मंथन होगा। साथ ही ‘जलजीवन अभियान’ और ‘अमृत’ पर विशेष सत्र और यूरोप, जापान और यूके के विशेषज्ञों द्वारा और ‘अनुसंधान और विकास प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान’ पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, युवाओं के लिए जल क्षेत्र से संबंधित एक पोस्टर प्रतियोगिता, विशेषज्ञों और अनुभवी व्यक्तियों द्वारा शोध पत्रों की प्रस्तुति जैसे समृद्ध कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। नवीनतम मशीनों, उपकरणों और तकनीकी जानकारी के साथ 142 स्टालों की प्रदर्शनी होगी। देश-विदेश से 1100 से अधिक इंजीनियर प्रतिनिधि, जबकि 150 से अधिक युवाओं ने भागीदारी के लिए पंजीकरण कराया है। प्रशासन के विभिन्न अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे,” ऐसा डॉ. डी. बी. पानसे ने बताया।