वंचितों की कला-कौशल का मनमोहक प्रस्तुतिकरण
‘आश्रय इनिशिएटिव फॉर चिल्ड्रन’ का सालाना स्नेहसम्मेलन, प्रदर्शन उत्साह में में संपन्न
पुणे : वंचित घटकों के बच्चों द्वारा पेश किए गए बेहतरीन एवं आकर्षक विविध कला-कौशल ने उपस्थितों का मन मोह लिया. मौका था कोरेगांव पार्क के डॉन बॉस्को युवा केंद्र में आयोजित ‘आश्रय इनिशिएटिव फॉर चिल्ड्रन’ संस्था के वार्षिक स्नेह सम्मेलन व प्रदर्शनी का. वाघरी, महार, मातंग, पारधी, सिकलगार जैसे जातियों एवं वंचित समाज के उत्थान के लिए कार्यरत ‘आश्रय’ संस्था का सम्मेलन बड़े ही उत्साह में संपन्न हुआ.
पुणे के पूर्व उपमहापौर डॉ. सिद्धार्थ धेंडे, सामाजिक कार्यकता व पूर्व नगरसेवक मंगेश गोले, विनोद पवार, ‘आश्रय’ के संचालक व टाटा कम्युनिकेशन के सीएसआर विभाग के पूर्व प्रमुख संजीव तारे सहित बजाज फिनसर्व, झेडएस असोसिएट्स, टॉमटॉम, रोटरी क्लब के सीएसआर विभाग के पदाधिकारी इस समय उपस्थित थे. उपस्थितों ने इन विद्यार्थियों की कला की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया. विद्यार्थी व समाज के सदस्यों द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट खाद्यपदार्थों ने उपस्थितों का दिल जीत लिया.
एक आदर्श स्कूल, व्यावसायिक संस्था व समुदाय के सदस्यों की एकता के जरिए आशादायी व सर्वसमावेशी भावभावनाओं के दर्शन इस कार्यक्रम में हुए. सभी बच्चों व समुदाय के सदस्यों की सहभागिता से कार्यक्रम का खाका, नियोजन, प्रस्तुतिकरण हुआ. 550 लड़के-लड़कियों ण्चं समुदाय के 600 से अधिक लोग इसमें सहभागी हुए. शुरूआत में व्यावसायिक शिक्षा उपक्रम के विद्यार्थियों के स्टॉल लगाए गए. विद्यार्थी एवं समाज के सदस्यों द्वारा बनाए गए कपड़े, थैली, गहने, पेंटिंग्ज, साबुन, बुक-मार्क्स, कान के गहने, मोमबत्ती एवं अन्य कला पेश किए गए. ब्यूटीशियन-कार्यक्रम के विद्यार्थियों ने टैटू मेकिंग, मेहंदी, नेल आर्ट पेश किए.
डॉ. सिद्धार्थ धेंडे ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल व सामाजिक विकास के जरिए इन दुर्लक्षित घटकों का सक्षमीकरण करने का ध्येय ‘आश्रय’ संस्था का है. वर्षभर विभिन्न उपक्रमों के जरिए चलनेवाले कार्यों के दर्शन कराने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. शैक्षणिक, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य आधार व शाश्वत समाज विकास टीम ने अतिशय मनोरंजन तरीके से अपने कार्यों को पेश किया. ‘आश्रय’ के हरेक लाभार्थियों के सहभाग वाला यह कार्यक्रम बेहद आकर्षक एवं चैतन्यमय तथा विविधताओं से भरा था”
‘हमारा स्कूल’ वंचित घटकों के बच्चों के लिए सबसे अलग स्कूली कार्यक्रम है. इसमें प्रकल्पाधारित व प्रात्यक्षिक शिक्षा दी जाती है. विद्यार्थियों द्वारा लिखित कथा व कविताओं के पुस्तक पेश किए गए. सामुदायिक प्रकल्प प्रदर्शित कर उसके रजिए समुदाय की समस्याओं का निराकरण करने के लिए शिक्षा का उपयोग कैसे किया जा सकेगा, को दिखाया गया. स्वरक्षा वर्ग, संगीत वर्ग, नृत्य वर्ग एवं मूल्य शिक्षा वर्ग के बच्चों ने प्रात्यक्षिक पेश किए. शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बतानेवाला प्रस्तुतिकरण किया गया.