जिले में कुपोषण को दूर भगाने एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर वार्ड एवं पंचायत स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश
विशाल समाचार टीम सीतामढी
सीतामढी बिहार: जिले में अति कुपोषित चिन्हित बच्चों का सामुदायिक आधारित प्रबंधन करने के निर्णय के आलोक में वार्ड/ पंचायत स्तर पर जिलाधिकारी के आदेशानुसार समिति का गठन किया गया है।प्रखंड स्तरीय विभिन्न पदाधिकारियों को जिले के लगभग 145 से अधिक पंचायतो के साथ टैग किया गया है जहां वे अपने आवंटित पंचायत के सफल संचालन एवं अनुश्रवण करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रखंड स्तर पर पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, चिन्हित अति कुपोषित /कुपोषित बच्चों का पोषण स्थिति का समय -समय पर अनुश्रवण करना, अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को मिलने वाले विभिन्न विभागों से सभी सुविधाओं (जॉब कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड ,सभी स्वास्थ्य सेवाएं) को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
इस संबंध में शनिवार को विमर्श हॉल में आहूत किये गए बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा की वार्ड स्तर पर एवं पंचायत स्तर पर गठित समितियां अपने क्षेत्र अंतर्गत समुदाय को पोषण /स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी बच्चों को शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से हो एवं अति कुपोषित बच्चे को आईसीडीएस का लाभ हर हाल में दिया जाए। अति कुपोषित बच्चों को मिलने वाली सभी सुविधाएं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। समिति के सदस्य डोर टू डोर भ्रमण करते हुए अति कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य सुधार स्थिति का आकलन करेंगे एवं उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी प्रकार के सुविधाओं की उपलब्धता के दिशा में गंभीरता पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। टैग किए गये पंचायतों के साथ टैग किए गए पदाधिकारी नियमित रूप से पंचायतों को विजिट करेंगे। उनके द्वारा वार्ड तथा पंचायत स्तर पर गठित समिति के कार्य की समीक्षा की जाएगी। साथ ही पंचायत /वार्ड स्तर पर कुपोषण को दूर करने के मद्देनजर पूरी प्रतिबद्धता के साथ वार्ड स्तर एवं पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पूरी गंभीरता के साथ कार्य करेंगे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि टैग किये गए सभी पदाधिकारी पूरी निष्ठा के साथ कुपोषणको दूर करने की दिशा में कार्य करेंगे।
*एईएस/ चमकी बुखार*
बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभिन्न पंचायतों के साथ टैग किये गए पदाधिकारी अपने-अपने पंचायतों में पहुंचकर एईएस/चमकी बुखार पर नियंत्रण के मद्देनजर वार्ड स्तर एवं पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के कार्यों का अनुश्रवण करेंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि गठित समितियों के सदस्यों के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण करते हुए लोगों को चमकी बुखार के प्रति जागरूक करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि बढ़ते तापमान को देखते हुए एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर प्रत्येक स्तर पर चिकित्सीय व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। निर्देश दिया कि जिला स्तरीय अधिकारी एवं सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी नियमित तौर पर संबंधित प्रखंडों के चिन्हित पंचायतों में पहुंचकर अपने कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जन जागरूकता अभियान का अनुश्रवण करेंगे।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि वार्डो में प्रत्येक घरों को विजिट करते हुए कुपोषित /अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनके अभिभावकों को एईएस /चमकी बुखार के प्रति जागरूक करेंगे। इस संपूर्ण अभियान में जीविका दीदियों ,आंगनवाड़ी सेविका/ सहायिका, आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है।
*जिलाधिकारी ने की अपील*
बढ़ते तापमान के मद्देनजर जिलाधिकारी ने जिला वासियों से अपील की है कि तापमान बढ़ने एवं अधिक ह्यूमिडिटी के कारण चमकी बुखार का प्रकोप देखने में आता है। उन्होंने अपील किया है कि *अभिभावक अपने बच्चों को धूप में न खेलने दें और धूप में न नहाने दे।* *बच्चों को खाना जरूर खिलाएं। शाम के वक्त सुस्ती होने पर स्थानीय पीएचसी में दिखा लें। रात में खाना खिला कर ही बच्चों को सुलायें।बीच में विशेषकर सुबह में उन्हें जगा कर जरूर देखें।यदि किसी भी तरह का लक्षण प्रतीत होता है तो बिना* *समय गवाएं निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं* जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को ससमय अस्पताल ले जाना एक महत्वपूर्ण फैक्टर है जिसे चमकी के प्रभाव पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
बैठक में सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह ,सभी सीडीपीओ एवं सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।
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