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शोध से करियर को मिलती नई दिशा संजय काटकर की सलाह : एमआईटी डब्ल्यूपी द्वारा हैकेथॉन २०२३ का उद्घाटन

शोध से करियर को मिलती नई दिशा संजय काटकर की सलाह : एमआईटी डब्ल्यूपी द्वारा हैकेथॉन २०२३ का उद्घाटन

पुणे:  निरंतर शोध छात्रों के करियर को नई दिशा देता है. इसके माध्यम से ही विद्यार्थी सफलता की परिकल्पना कर सकता है. अनुसंधान से सभी सामाजिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान होना चाहिए. ऐसी सलाह क्विक हिल टेक्नोलॉजी के सीटीओ संजय काटकर ने दी.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इनोवेशन हैकेथॉन २०२३ के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस मौके पर वर्ली कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट निलेश बोरकर सम्माननीय अतिथि के रूप में मौजूद थे. एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड ने अध्यक्षता निभाई.
साथ ही एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्र कुलपति डॉ.मिलिंद पांडे, डॉ. तपन पांडा, कुलसचिव गणेश पोकले, डॉ. कृष्णा वर्‍हाडे, डॉ. कृष्णप्रसाद गुणाले,छात्र मुस्कान और ऋषिकेश उपस्थित थे.
संजय काटकर ने कहा, एमआईटी डब्ल्यूपीयू द्वारा आयोजित प्रतियोगिता छात्रों के लिए स्टार्टअप के लिए बेहतरीन मंच है. किसी भी काम को करते समय आइडिया सबसे अहम होता है और उस पर रिसर्च होनी चाहिए. मैंने खुद १९९५ में देश का पहला एंटी वायरस बनाया था. उसके बाद मेरे करियर को एक नई दिशा मिली.
नीलेश बोरकर ने कहा, राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है. छात्रों को आजीवन सीखने वाला होना चाहिए, काम के प्रति जुरून होना चाहिए, हर समस्या का समाधान खोजना चाहिए और एकजुट होकर काम करना चाहिए. जीवन में निरंतर शोध के साथ साथ ज्ञान जहां से भी मिले, लेना चाहिए.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, आम जनता और किसानों की अधिक से अधिक समस्याओं के समाधान की दिशा में काम किया जाए. इस प्रतियोगिता के माध्यम से नए विचार और समस्याओं का  समाधान मिलेगा. छात्रों को स्टार्टअप्स के लिए काम करना चाहिए.
डॉ. आर.एम.चिटणीस ने कहा, प्रतिस्पर्धा से नए उद्यमी पैदा होंगे और देश प्रगति करेगा. क्रिएटिविटी को सामने लाकर छात्र अपना स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे. साथ ही, यह प्रतियोगिता आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट अप इंडिया संस्कृति को बढावा देने में मदद करेगी.
डॉ. मिलिंद पांडे ने कहा, यह प्रतियोगिता सभी सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए आयोजित की जाती है. आइडियाथॉन, फॉर्माथॉन, एंटरप्रेन्योरियल, मेड इन एमआईटी डब्ल्यूपीयू और वर्कथॉन जैसे पांच समूहों में आयोजित इस प्रतियोगिता में छात्रों को अपने खुद के विचार को महसूस करना होगा और उसे हकीकत में बदलना होगा.

डॉ. तपन पांडा ने छात्रों को लगातार शोध करने की सलाह दी. डॉ. कृष्णा वर्‍हाडे ने प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी.
छात्र पीयूष मोटवानी और परिवी ब्रह्मभट्ट ने सूत्रसंचालन और डॉ. कृष्णप्रसाद गुणाले ने आभार माना.

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