रीवा

लाड़ली बहना योजना के ई केवाईसी दर्ज करने का दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण

लाड़ली बहना योजना के ई केवाईसी दर्ज करने का दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण
अभियान चलाकर महिलाओं के ई केवाईसी दर्ज कराएं – प्रमुख सचिव श्रीमती रस्तोगी

रीवा एमपी: वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाड़ली बहना योजना के ई केवाईसी दर्ज करने का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ-साथ प्रत्येक जिले में योजना के क्रियान्वयन के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई। प्रशिक्षण देते हुए प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने कहा कि लाड़ली बहना योजना शासन की उच्च प्राथमिकता की योजना है। इस योजना के लिए 23 से 60 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं के आवेदन पत्र 25 मार्च से भरे जाएंगे। ऑनलाइन फार्म दर्ज करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा नगरीय निकाय के प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे। सभी कलेक्टर शिविरों के लिए स्थान तथा तिथि निर्धारित करके दो दिवस में कार्ययोजना प्रस्तुत करें। आवेदन पत्र दर्ज करने से पहले पात्र महिला का ई केवाईसी दर्ज किया जाना आवश्यक है। अभियान चलाकर महिलाओं के ई केवाईसी दर्ज कराएं। इसके लिए सभी आधार कार्ड बनाने वाले केन्द्रों, कियोस्क सेंटर तथा अन्य संस्थाओं को सक्रिय करें।

प्रमुख सचिव ने कहा कि लाड़ली बहना योजना का आवेदन पत्र बहुत सरल है। इस योजना के लिए निर्धारित 23 से 60 आयु वर्ग की महिला के लिए पृथक से बैंक खाता होना आवश्यक है। इस खाते में आधार सीडिंग तथा डीबीटी की सुविधा आवश्यक होगी। आवेदन पत्र भरते समय मुख्य रूप से समग्र आईडी तथा आधार संख्या की आवश्यकता होगी। इन दोनों में हितग्राही के नाम, सरनेम, आयु तथा पते का विवरण एक जैसा होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह का अंतर होने पर आवेदन पत्र स्वीकार नहीं होगा। इसलिए सभी पात्र महिलाओं के समग्र आईडी तथा आधार संख्या को अपडेट कराकर इनमें दर्ज जानकारी एक जैसी करें। आवेदन पत्र दर्ज करते समय केवल वांछित जानकारी ही भरें। आवेदिका की पात्रता तथा अपात्र होने के संबंध में निर्णय अगले चरण में किया जाएगा। आवेदन पत्र ऑनलाइन दर्ज होने के बाद इनकी सूची ग्राम पंचायतवार तथा वार्डवार प्रकाशित करके उसमें दावे-आपत्तियाँ आमंत्रित की जाएंगी। इसलिए आवेदन पत्र दर्ज करते समय सामान्य जानकारी ही देखें।

प्रमुख सचिव ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन पत्र दर्ज करते समय आवेदिका के फोटो भी लिए जाएंगे। इस फोटो का आधार कार्ड की फोटो से मिलान भी किया जाएगा। आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नम्बर में ओटीपी भेजकर इसका सत्यापन होगा। मोबाइल न होने की स्थिति में बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए कैमरायुक्त लैपटाप तथा कम्प्यूटर का उपयोग ही मान्य होगा। सत्यापन करने वाले ग्राम रोजगार सहायक तथा शहरी क्षेत्र के लिए वार्ड प्रभारी का भी ई केवाईसी होना आवश्यक है। समग्र की एक परिवार आईडी में कई महिलाएं शामिल हो सकती हैं। सबसे पहले उन महिलाओं को चिन्हित करें जिनका ई केवाईसी किया जाना है। योजना से लाभान्वित सभी महिलाओं के पृथक से बैंक खाते खुलवाएं। यह महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए भी सार्थक पहल होगी।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई केवाईसी दर्ज करने के लिए विस्तार से जानकारी दी गई। प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को कियोस्क सेंटर तथा विभागीय आधार केन्द्रों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में श्री अभिजीत अग्रवाल ने ई केवाईसी के संबंध में तकनीकी पक्षों की जानकारी दी। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से प्रभारी कलेक्टर श्रीमती संस्कृति जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक आशीष द्विवेदी, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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