पचनद डैम बनने पर ग्रामीणों को होगा कितना नुकसान, आकलन के लिए कराया जा रहा ड्रोन से सर्वे
इटावा से विशाल समाचार टीम की रिपोर्ट
Pachnada Dam Survey: उत्तर प्रदेश में पचनद बांध का निर्माण पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के कार्य़काल से ही लंबित है. अब इस पर काम शुरू किया गया है और बजट भी आवंटित किया गया है.
इटावा (यूपी) जिले के पचनद (Pachnada) पर बनने वाले डैम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने काम तेज कर दिया है. पहले चरण में आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) ने निजी कंपनी के जरिए चंबल नदी का एक बड़े ड्रोन से सर्वे कराया है. डैम बनने के बाद आसपास के ग्रामीणों को होने वाले नुकसान का आकलन करने और फिर उस आधार पर मुआवजा देने के लिए ही पिछले एक महीने से सर्वे कराया जा रहा है. अभी तक 120 किलोमीटर का सर्वे किया जा चुका है. 40 किलोमीटर का सर्वे होना और बाकी है जिसके बाद सरकार को सर्वे की रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी.
सर्वे का काम देख रहे ड्रोन पायलट और मेंटीनेंस इंजीनियर सत्यनाम यादव ने बताया कि टेलोन ड्रोन से सर्वे कराया जा रहा है. इसका मुख्य काम चंबल और यमुना नदी के चिह्नित की गई जगह का फोटो कैप्चर करना है. चिह्नित जगह पर नदी की गहराई मापी जाती है. साथ ही उस जगह पर मिट्टी का कितना कटान हो सकता है यह सारे पॉइंट थ्रीडी मैप के जरिए रिकॉर्ड किए जाते हैं. अगले चार-पांच दिनों में सर्वे की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी. सर्वे के काम को 21 मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. डैम बनने से इटावा, औरैया, जालौन और बुंदेलखंड की लाखों एकड़ भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा
100 करोड़ का बजट किया गया है पास
1976 में चुनावी जनसभा करने आई देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लोगों ने पचनद पर डैम बनाने की मांग की थी जिससे इस इलाके के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके और बिजली का निर्माण हो. इस मांग पर इंदिरा गांधी ने भी डैम बनाने के लिए स्वीकृति दे दी थी लेकिन बड़ी परियोजना होने के चलते आज तक काम शुरू न हो सका. रामशंकर कठेरिया ने 2019 में सांसद बनने के बाद केंद्र सरकार से डैम बनाने की मांग की थी जिसके लिए प्रधानमंत्री और यूपी के सीएम से बात की थी. पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपए पचनद परियोजना के लिए पास कर दिए थे.