पॉंचवी-आठवी बोर्ड पैटर्न परीक्षा 25 मार्च से
शासकीय शालाओं के साथ ही निजी स्कूलों और मदरसों के विद्यार्थी भी होंगे सम्मिलित
रीवा एमपी: राज्य शिक्षा केन्द्र, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जा रही पॉंचवीं-आठवीं कक्षाओं की बोर्ड पैटर्न परीक्षा आगामी 25 मार्च से प्रारंभ होगी। इन परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा विद्यार्थियों के सुचारु आवागमन की दृष्टि से नजदीकी स्कूलों में 12364 से अधिक परीक्षा केन्द्र बनाए हैं। इन परीक्षाओं की जानकारी देते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक श्री धनराजू एस ने बताया कि परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि ये केन्द्र संबंधित स्कूलों से अधिक दूरी पर न हों। साथ ही इन परीक्षा केन्द्र स्कूलों की क्षमता अनुसार विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध रहें। इस वर्ष शासकीय शालाओं के साथ ही निजी स्कूलों और मदरसों के विद्यार्थी भी बोर्ड पैटर्न परीक्षा में सम्मिलित होंगे।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि इस वर्ष 1 लाख 13 हजार 4 सौ 22 शासकीय, निजी शालाओं और मदरसों के लगभग 24 लाख 73 हजार बच्चे इन परीक्षाओं में सम्मिलित हो रहे हैं। जिनमें से 427 निजी स्कूलों के 18 हजार 3 सौ 20 बच्चों के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार पृथक से भाषा विषय के प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं। श्री धनराजू एस ने बताया कि परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए विभाग ने पृथक से एक आई टी पोर्टल तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से परीक्षा का पूर्ण संचालन व्यवस्थाएं ऑनलाइन की गई हैं। इसी पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों का सत्यापन, परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण, केन्द्राध्यक्षों की मेंपिंग, सामग्री वितरण आदि कार्यो के संपादन के साथ ही परीक्षार्थियों के रोल नंबंर और प्रवेश पत्र जारी करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसी पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों की परीक्षा में उपस्थिति दर्ज होगी। परीक्षा उपरांत होने वाले मूल्यांकन कार्यों और अंक सूची प्रदान करने की सुविधा भी इसी पोर्टल के द्वारा प्रदान की जायेगी। निर्धारित समय सारिणी के अनुसार कक्षा पॉंचवी और आठवीं की बोर्ड पैटर्न परीक्षाएं 25 मार्च से प्रारंभ होकर 3 अप्रैल तक संचालित होंगी। विगत वर्ष प्रदेश के शासकीय विद्यालयों के कक्षा 5 और 8 के लगभग 17 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए बोर्ड पैटर्न परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इस वर्ष से यह व्यवस्था प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों के साथ ही अशासकीय विद्यालयों एवं मदरसों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए भी लागू की गई है।