छात्रों में कुशलता एवं उद्यमशीलता विकसित करने पर जोर
डॉ. भाग्यश्री पाटील का प्रतिपादन; डॉ. डी. वाय. पाटील स्कुल ऑफ डिझाईन द्वारा राष्ट्रीय डिझाईन समिटका उद्घाटन
पुणे : “छात्रों को डिजाइन के क्षेत्र में नए अवसरों, प्रौद्योगिकी और बदलते रुझानों को समझना चाहिए। छात्रों ने चुने हुए करियर को आत्मविश्वास के साथ बनाने के लिए डॉ. डी. वाई पाटिल विश्वविद्यालय प्रयासरत है। उनकी प्रतिभा को अवसर देने और उनके सपनों को सशक्त बनाने के लिए उनमें कौशल विकास, उद्यमशीलता पर जोर दिया जाता है,” यह प्रतिपादन डॉ. डी. वाय. पाटील विश्वविद्यालय की प्र-कुलपती डॉ. भाग्यश्री पाटील ने किया.
वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. पी. डी. पाटिल के मार्गदर्शन में शुरुआत किए गए ताथवड़े के डॉ. डी. वाई पाटिल स्कूल ऑफ डिजाइन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय डिजाइन शिखर सम्मेलन का उद्घाटन डॉ. भाग्यश्री पाटिल ने किया। इस समय डॉ. डी. वाय पाटील विश्वविद्यालय सोसायटी की ट्रस्टी एवं कार्यकारी संचालक डॉ. स्मिता जाधव, जानेमाने वक्ता सय्यद असद अब्बास, डिझाईन तज्ज्ञ व मार्गदर्शक रिखील नागपाल, स्कूल ऑफ डिझाईन के संचालक डॉ. कुमार वेंकटरामन, सल्लागार अमित अग्रवाल आदी उपस्थित थे.
देश-विदेश से आए डिझाईन क्षेत्र के प्रोफेशनल्स और एक्सपर्ट को इस सम्मेलन में लाकर छात्रों को इस क्षेत्र के अवसर, इनोवेशन और क्रिएटिविटी के बारे में जानकारी देने हेतु यह समिट उपयुक्त साबित हुई. स्कुल ऑफ डिझाईन के छात्रों ने तैयार किए आकर्षक मॉडेल्स की प्रदर्शनी यह लगाई गई थी. पायरेट बोट, डिस्ने वर्ल्ड, आयफेल टॉवर जैसी कई प्रतिकृती यहाँ डिस्प्ले की गई.
इस दो दिवस के समिट में ‘आर्ट ऑफ नेटवर्किंग’पर सय्यद असद अब्बास, डिझाईन क्षेत्र के बारे में रिखील नागपाल, कार्टून के माध्यम से स्ट्रेस मैनेजमेंट पर मुकीम तांबोळी, मॉड्युलर किचन डिझाईनपर भरत पाठक, ‘एव्हीजीसी’ (ऍनिमेशन, व्हिज्युअल इफेक्ट्स, गेमिंग आणि कॉमिक्स) के बारे में सरकार का दृष्टीकोन इस पर मीडिया अँड एंटरटेनमेंट स्किल्स कौन्सिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित सोनी, ‘एव्हीजीसी’ व डिजिटल मीडिया क्षेत्र में अवसर पर ‘असिफा इंडिया’ के अध्यक्ष संजय खिमसेरा, ऑस्ट्रेलिया स्थित किरुथीका अय्यर का मार्गदर्शनपर सेशन हुआ. अंत में ‘ब्रह्मास्त्र-१’ सिनेमा के लिए अनिमेशन व व्हीएफएक्स करनेवाले जिगेश गज्जर का विशेष सत्र हुआ.
डॉ. स्मिता जाधव ने कहा, “डॉ. डी. वाय पाटील विश्वविद्यालय में छात्रों को कौशल्य, रोजगार व उद्यमशीलता का पाठ पढ़ाया जाता है. उन्हें स्टार्टअप व अन्य उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. डिझाइन क्षेत्र बहुत अहम् है और इस क्षेत्र में बड़े अवसर है. इसलिए इस क्षेत्र में पिछले २५-३० सालो से काम कर रहे एक्सपर्ट्स द्वारा इस समिट में मार्गदर्शन दिया जा रहा है. कई छात्रों को इस से नई दिशा मिलेगी.”
“स्कुल ऑफ डिझाईन अत्याधुनिक सुविधाए, तज्ज्ञ स्टाफ से भरा हुआ है. हम फिल्ड व्हिजीट, प्रैक्टिकल एज्युकेशन पर जोर देते है. छात्रों को इंटर्नशिप, वर्कशॉप, सेमिनार, प्रदर्शनी, विभिन प्रतियोगिता में सहभाग लेने का अवसर दिया जाता है. इससे उनका वैश्विक दृश्टिकोन पर्स्पेक्टिव्ह विकसित होता है. कम्युनिकेशन डिझाईन, गेमिंग, अनिमेशन, व्हीएफएक्स, फॅशन, इंटेरियर, प्रॉडक्ट डिझाईन जैसे कई करिअर स्कुल ऑफ डिझाईन द्वारा छात्रों को उपलब्ध कराए जा रहे,” ऐसा भी डॉ. स्मिता जाधव ने बताया.
रिखील नागपाल ने कहा, “डिझाईन क्षेत्र में बड़े अवसर है. हमें उसका लाभ उठाने के लिए आवश्यक स्किल्स को अपनाना होगा. यहाँ नौकरी के साथ उद्यमी बनने के लिए अलग अलग विकल्प खुले है. इस क्षेत्र बदल रहे प्रवाह, टेक्नोलॉजी को अपनाओ. अपने काम में क्रिएटिव्हिटी, इनोव्हेटिव्ह तरीके होने चाहिए.”
सय्यद असद अब्बास ने बताया की, हर क्षेत्र में काम करते समय नेटवर्किंग महत्वपूर्ण है. हमारे काम के बारे में हमें बात करना आना चाहिए. मार्केटिंग अच्छा हुआ, तो हम लोगों तक पहुंचेंगे और उस काम में हमें सफलता प्राप्त होगी. कम्युनिकेशंस स्किल हासिल करने चाहिए.”