यूपी के इन 12 ज़िलों का बदलेगा भाग्य, नए एक्सप्रेस-वे पर 14 टोल प्लाज़ा एवं उतर सकेगा विमान
उत्तर प्रदेश वासियों के लिए यूपी सरकार एक ऐसे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश के लगभग 12 जिलों से होकर गुजरने वाला है इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। जो कि उत्तर प्रदेश के मेरठ हापुड़ बुलंदशहर अमरोहा संभल बदायूं शाहजहांपुर हरदोई उन्नाव रायबरेली प्रतापगढ़ प्रयागराज होते हुए गुजरेगी।
प्लान के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले तैयार किए जाने की योजना है प्रयागराज में साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है लक्ष्य के अनुसार इस महाकुंभ से पहले ही इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा
गंगा एक्सप्रेस्-वे के नाम से जाना जाएगा यह ग्रीनफ़ील्ड कोरीडोर
गंगा एक्सप्रेसवे के नाम से जाने जाने वाला यह शानदार छह लेन सड़क मात्र 8 घंटे के भीतर ही आपको पूरे उत्तर प्रदेश का सैर करा सकता है। 12 जिलों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे पर कुल 14 टोल प्लाजा बनाया जाना है, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को दिल्ली से और भी करीब कर देगा जिसके निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिले से दिल्ली की दूरी महज 8 घंटे में ही तय की जा सकेगी।
कॉनेटिविटी स्थापित होने से होगा ज़िलों का विकास
इस पूरी परियोजना को ग्रीन फील्ड परियोजना भी कहा जा रहा है, इस एक्सप्रेस-वे का एक बड़ा फायदा उन जिलों को भी पहुंचेगा जो कि इस एक्सप्रेस वे से कनेक्ट होंगे इसका सीधा फायदा वहां के औद्योगिक क्षेत्र एवं पौराणिक स्थानों को मिलेगा।
पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ेगा यह एक्सप्रेस-वे
पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों से जोड़ने वाले इस गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय कर दी गई है इसका मुख्य टोल प्लाजा मेरठ और प्रयागराज में बनाया जाएगा तथा शेष 12 रैंप टोल प्लाजा का निर्माण इस एक्सप्रेस वे पर किया जाएगा।
आपात स्थिति में वायुसेना का विमान उतरने के साथ साथ उड़ान भी भर सकेगा
एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए आपको बता दें कि फिलहाल इसे 6 लेन में निर्माण किया जा रहा है लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे 8 लेन में भी तब्दील किया जा सकता है। एक और सबसे बेहतरीन जानकारियां है कि इस एक्सप्रेस वे पर शाहजहांपुर में लगभग 3:30 किलोमीटर का एक हवाई पट्टी का भी निर्माण किया जाना है जहां से आपात स्थिति में वायुसेना का विमान उड़ान भी भर सकता है और लैंडिंग भी कराया जा सकता है।