डीएम बहराइच की कार्यवाही का इंतजार,
1 वर्ष से जलापूर्ति बाधित प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण
बिक्रांत/महसी बहराइच
बहराइच एक और जहां भारत सरकार द्वारा देश की जनता को स्वक्ष पेयजल आपूर्ति को उपलब्ध कराने हेतु गांव गांव पानी की टंकी स्थापित करने में खरबो डालर का धन स्वाहा कर एक बड़ी सुविधा प्रदान की गई देश की जनता को वही दूसरी ओर प्रशासनिक उदासीनता के चलते बरसो पानी की टंकियों से जलापूर्ति बाधित रहती है और ग्रामीण अंचलों की जनता को और संकट का सामना करना पड़ता है तथा प्रदूषित जल पीने के लिए विवश होती है परंतु क्षेत्रीय प्रशासन के अकर्मण्यता या लापरवाही कहें जिसके चलते एक पैटर्न क्योंकि ना तो साफ सफाई कराई जाती है स्वच्छता मिशन को धता बताने के लिए इतना प्राप्त होता है जो प्रधानमंत्री महोदय का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता मिशन के नाम से जाना जाता है ऊपर से बंद एवं खराब चल रही पानी की टंकियों की मरम्मत के लिए वर्षों तक जनता को शिकायत करते हैं जूते घिसने के बावजूद भी प्रशासन के संज्ञान में बात नहीं आ पाती है बाधित जलापूर्ति को पूर्ण संचालित कराया जाए हालांकि यह जिम्मेदारियां क्षेत्रीय प्रशासन के विभिन्न विभागों को सरकार द्वारा आवंटित की जाती है आज तक के निर्देश भी दिए जाते हैं किंतु केंद्र हो या राज्य सरकारों के आदेशों निर्देशों को ठेंगे पर रखने वाले प्रशासनिक अमले के विरुद्ध किसी प्रकार का नियम कानून ना होने की वजह से हो अथवा केंद्र व राज्य सरकार की पल्ला झाड़ो नीति के तहत हो किंतु अंततोगत्वा जनता को संकट का सामना ही करना पड़ता है जनता द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी सरकारी योजनाओं का पूर्ण संचालक ना हो पाना क्या नीति संगत माना जा सकता है क्या जनता के साथ यह दुर व्यवहार नहीं है जो सरकारी तंत्र द्वारा किया जा रहा है जिसका संज्ञान सरकार द्वारा ने लिया जाना क्या काम खीरा प्राप्त नहीं है दूसरा जहां पानी की टंकियां संचालित हैं उन ग्राम पंचायतों अथवा जिलों में जल का दुरुपयोग ना हो अथवा न किया जा सके टोटी बंद रखने के प्रचार प्रसार का क्या इंतजाम किया गया है जो से भी बढ़कर गंभीर अपराध है और इसमें कहीं ना कहीं सरकारी तंत्र की हिस्सेदारी है देश का जल बर्बाद होने या करने करवाने में जनता के हित में केंद्र व राज्य सरकार वास्तव में चिंतित और गंभीर है जनहित में राष्ट्रहित में तो इस तरह के घटना का तत्काल संज्ञान लेकर के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जलापूर्ति को संचालित कराना चाहिए उदाहरणार्थ उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित जनपद बहराइच के विकासखंड महसी ग्राम पंचायत बहोरीकपुर के मजरा मोरहवा में लगी पानी टंकी पेयजल आपूर्ति बाधित हुए 1 वर्ष से अधिक बीत रहा है यहां की 3000 की आबादी इस संकट से प्रभावित है और बराबर शिकायत भी की गई है यहां तक नंवगत जिलाधिकारी के आगमन पर भी उन्हें सूचित करने के लिए उनके सीयूजी नंबर की सुविधा का उपयोग करते हुए आम जनमानस ने शिकायत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है प्रत्येक वर्ष बीत जाने के बाद जलापूर्ति के लिए तरसने के सिवा उनके हाथ में कुछ नहीं है इशके शिवाय दूषित जल पीने की विवशता के अलावा कम से कम नवागत जिलाधिकारी को तत्काल गंभीरता सेl इस तरह के प्रकरण का संज्ञान लेना चाहिए अतः जलापूर्ति बाधा को दूर करवाते हुए माननीय प्रधानमंत्री की मंशा अनुसार जनता को सबसे ज्यादा स्वच्छ पेयजल प्रदान करवाना चाहती है