आकाशवाणी लखनऊ की कवि गोष्ठी की बहराइच वासियों ने की सराहना
अरुण विक्रांत बहराइच
प्रसार भारती लखनऊ के लोकायतन कार्यक्रम में प्रस्तुत की जानेवाली कविगोष्ठियां भारतीय हिंदी भाषी ग्रामीण परिवेश के लिए अमृतमई ऊर्जा सिद्ध प्रतीत होती हैं जब किसान अपनी भाषा में अपनी बात सुनने को पाता है तो उसके दिन भर की थकावट का जैसे शमन हो जाता है जिससे उसके अंदर एक नई ऊर्जा का प्रादुर्भाव होता है इसी क्रम में प्रसार भारती लखनऊ के लोकायतन कार्यक्रम की कवि गोष्ठी में बहराइच से आए युवा कवि राघवेंद्र त्रिपाठी ने अपने सवैया छंद के माध्यम से गांव सावन बरखा और किसान की बात बड़े ही मार्मिक ढंग से पिरोकर सुनाया कि
राघवेंद्र मानव ना मानव ग्राम देवता के,
कर्जदार धरती के एक-एक प्रानी है।
दुनिया मां छोट बड़ा सबकै भरै जे पेट,
धन्य वू किसान धन्य वहिकी किसानी है।। जिसको लेकर शुद्ध सनातनी श्रोता संघ तिवारी पुरवा ने प्रसार भारती लखनऊ एवं कविवर श्री राघवेंद्र त्रिपाठी की भूरि भूरि प्रशंसा की।
गौर तलब है कि 1 सितंबर 2024 दिन रविवार को शाम 6: 30 बजे प्रसार भारती लखनऊ के लोकायतन कार्यक्रम में आयोजित कवि गोष्टी में आकाशवाणी लखनऊ लोकायतन कार्यक्रम संचालक डॉक्टर सुशील कुमार राय के निर्देशन में एक सितम्बर को एक लोक भाषा अवधी कवि गोष्ठी में बहराइच के युवा कवि राघवेंद्र त्रिपाठी ,जनपद सीतापुर से चेतराम अज्ञानी तथा जनपद बाराबंकी से ओपी वर्मा ओम ने अपनी अपनी रचनाएं पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार ने किया। बहराइच की जनता ने अपने बीच के रचनाकार एवं अपने बोलचाल की भाषा में कविताओं को सुनकर अपने को गौरवान्वित महसूस किया एडवोकेट कुलदीप त्रिपाठी ने कहा कि कभी राघवेंद्र त्रिपाठी ने
अपने छंद के माध्यम से देश के किसानों और गांव का सम्मान करते हुए मान बढ़ाया है