रीवा

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
ऋषियों की प्रकृति की पूजा पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा संदेश है – मुख्यमंत्री
प्रकृति से हम उतना ही लें जितनी जरूरत है तभी होगा पर्यावरण संरक्षण– मुख्यमंत्री

विशाल समाचार टीम रीवा 

रीवा एमपी: प्रदेश के साथ-साथ रीवा जिले में भी विश्व पर्यावरण दिवस पर विभिन्न आयोजन किए गए। कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं तथा पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल होकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सदियों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास होते रहे हैं। ऋषियों द्वारा नदियों, वृक्षों तथा प्रकृति की पूजा पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा संदेश है। हमारे ऋषियों ने सभी जीव-जन्तुओं तथा वनस्पतियों में भी मानव की ही तरह चेतना का वास बताया है। देवी और देवताओं के वाहन के रूप में बाघ, मोर, मूषक, बैल आदि पूजित हैं। हमारे देश में नदियों और वृक्षों की पूजा की परंपरा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन की पूजा भी पर्यावरण संरक्षण के लिए ही कराई गई। हजारों सालों से हम प्रकृति की पूजा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रयास कर रहे हैं। हम प्रकृति का दोहन करें, उसका शोषण न करें। प्रकृति से हम उतना ही लें जितनी जरूरत है। तभी पर्यावरण का संरक्षण होगा। अंधाधुंध उत्खनन, वृक्षों की कटाई और लगातार सीमेंट के जंगल तैयार करके हमने प्रकृति को बहुत हानि पहुंचाई है। इसी का परिणाम है कि मौसम चक्र बिगड़ गया है। अप्रैल, मई में भी बारिश हो रही है। पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि 2050 तक धरती का तापमान दो डिग्री बढ़ जाएगा। अगर हमने अभी से वृक्षारोपण, जल संरक्षण सहित पर्यावरण संरक्षण के उपाय नहीं किए तो यह धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने लायक नहीं बचेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगाँठ तथा पूर्वजों के स्मृति दिवसों पर पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें। मैं स्वयं हर दिन कम से कम तीन पौधे लगाता हूँ। प्लास्टिक का उपयोग न करके पानी के संरक्षण तथा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना भी पर्यावरण का संरक्षण है। हर व्यक्ति कपड़े के थैले का उपयोग करे। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प पूरा करने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना होगा।

कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार से वर्चुअल माध्यम से कलेक्टर प्रतिभा पाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ सोनवणे, आयुक्त नगर निगम संस्कृति जैन, अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री, सभी एसडीएम, जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण मण्डल पुष्पेन्द्र सिंह बुंदेला, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा विद्यार्थी शामिल हुए।

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