सकारात्मक ऊर्जा, समग्र शिक्षा को ‘सूर्यदत्त’ की प्राथमिकता
सुसंस्कृत नागरिक बनने में जॉइंट फॅमिली व्यवस्था समय की जरुरत
प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया की राय; 12वीं के टॉपर्स छात्र-छात्राओं का सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा सम्मान
पुणे : “आज की पीढ़ी में इंटेलिजेंस कोशेंट यानी आईक्यू लेवल अच्छा है। लेकिन, उनमें सकारात्मक ऊर्जा और इमोशनल कोशेंट-ईक्यू की कमी दिखाई देती है। हम देखते हैं कि 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्र उदास हो जाते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी इसे बदलने के लिए संयम ,धैर्य, मन की शक्ति बढ़ाने के लिए ईक्यू की शिक्षा देना समय की जरुरत है,” ऐसा प्रतिपादन प्रेरक वक्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध माइंड ट्रेनर बी. के. शक्तीराज ने किया.
सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने 350 वें शिवराज्याभिषेक दिवस एवं सूर्यदत्त जूनियर कॉलेज और सूर्यदत्त पब्लिक स्कूल की 12वीं परीक्षा के मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया। इसी समारोह में वे बोल रहे थे. साथ ही उन्हें ‘सूर्यभूषण राष्ट्रीय पुरस्कार 2023’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की सरिताबेन राठी, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष एवं सचिव सुषमा चोरडिया, निदेशक प्रो. प्रशांत पितालिया, सूर्यदत्त जूनियर कॉलेज की प्राचार्य वंदना पांडे, सूर्यदत्त पब्लिक स्कूल की प्राचार्य किरण राव आदि मौजूद थे.
विज्ञान क्षेत्र में स्वराली किरण कुलकर्णी, अर्पित मकरंद विभुते, सिद्धा संदीप गुहा, वाणिज्य में आयुषी उपेंद्र परदेशी, सनिका निशांत देशपांडे, आर्या अभिजित महाजन, कला में शांभवी आनंद तेंबुलकर, भूमी सागर साबू, मधुरा अभय अंभोरकर, एमसीव्हीसी में श्रावणी गोविंद मोदी, चिन्मय आनंद पाटील, यशोधन राजेश खुळे ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। सूर्यदत्त पब्लिक स्कूल से कॉमर्स में गार्गी मनीष मोघे, उर्वी सुमित गुर्जर, झोया अजय जव्हेरी, वाणिज्य में कॉमर्स में अंजली भूपेंद्र टाक, आशेषा चितवन हुमाद, सोहम सचिन देशपांडे व साई मिलिंद सिनकर, आर्ट्स में सावित्री कन्नन, विधी संजय भारांबे, अनन्या राहुल चौधरी ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। इन सभी छात्रों और उनके माता-पिता एवं नाना-नानी को अतिथियों ने स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर बच्चों के साथ आए माता-पिता और दादा-दादी को भी सम्मानित किया गया।
बी. के. शक्तीराज ने कहा, “हमें खुशी का पासवर्ड पता होना चाहिए। मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमारा जीवन अराजक न हो। हमें अपने मन से नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करने में सक्षम होना चाहिए। कुविचारों से हमें दूर रहना चाहिए। स्वराज्य के निर्माण में छत्रपति शिवाजी महाराज का योगदान अहम् रहा है. नई पीढ़ी ने इसी कार्य का आदर्श लेकर राष्ट्र निर्माण अपना योगदान देना चाहिए.”
प्रो डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, “सूर्यदत्त संस्थान में सभी छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराया जाता है। छात्रों का मनोबल बढाकर उन्हें सर्वांगीण विकास, विश्व स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया जाता है. नकारात्मक विचारो को दूर रखकर सूर्यदत्तने हमेशा अच्छे काम, उपक्रम को प्रोत्साहन दिया है. छात्रों और अभिभावकों ने नए शिक्षा निति को समझकर अपने शिक्षा व पढाई में बदलाव लाने की आवश्यकता है.”
“जॉइंट फॅमिली की व्यवस्था बच्चों पर अच्छे संस्कार करने और उनकी गुणवत्ता में सुधार लेकर राष्ट्र को एक अच्छा नागरिक दिलाने में उपयुक्त होती है. यह हमारे भारतीय संस्कृति की आधार भी है. बच्चों की सफलता में शिक्षकों के साथ उनके माता-पिता और उनकी नाना-नानी का योगदान महत्वपूर्ण दिखाई देता है. हमें इसको प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है,” ऐसा भी प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने बताया.
सरिताबेन राठी ने छात्रों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य की शिक्षा के लिए शुभकामनाएं दी. प्रा. सायली देशपांडे व प्रशांत पितालिया ने सूत्रसंचालन किया. सुषमा चोरडिया ने आभार ज्ञापित किए.