एमआईटी डब्ल्यूपीयू क्यूएस आई गेज रेटिंग पुरस्कार से सम्मानित
द्वितीय शैक्षणिक गुणवत्ता परिषद के समापन पर देश के १० विवि पुरस्कृत
पुणे : शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और मूल्य संवर्धन के लिए एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी को अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली वाली क्यूएस आई गेज द्वारा क्यूएसआई गेज रेटिंग पुरस्कार और डायमंड श्रेणी से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस के साथ आईओसी के निदेशक प्रो. शंकर माली, डॉ, नितिन जोशी, प्रो. दीक्षा बेडेकर और अर्चना पवार ने स्वीकार किया. यह पुरस्कार उन्हें क्यूआई गेज के क्षेत्रीय निदेशक और सीईओ डॉ. अश्विन फर्नाडिस और सीओओ रविन नायर द्वारा प्रदान किया गया.
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस ने कहा, हम पुरस्कार पाकर खुश हैं. हम अपने छात्रोंं को प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. अब हम क्यूएस आई गेज के अगले संस्करण में प्लैटिनम श्रेणी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड और कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वि. कराड की प्रेरणा से यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है.
इस सम्मेलन में कुल १० भारतीय यूनिवर्सिटी को रेटिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसमें महाराष्ट्र की एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के साथ सिम्बायोसिस इंटरनेशनल डीम्ड यूनिवर्सिटी और डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी को डायमंड कैटगरी मिली है.
इसी तरह बेंगलुरु की रेवा यूनिवर्सिटी, गुड़गांव की नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू की एलायन्स यूनिवर्सिटी, चिकबल्लापूर की एसजेसी इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरू की श्री वेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और मैसूर की विद्यावर्धका कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को सम्मानित किया गया.
सम्मेलन में १०० से अधिक संगठनों और लगभग २०० प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. शुरूआत में माइर्स एमआईटी ग्रुप की ट्रस्टी जनरल सेक्रेटरी प्रो. स्वाति कराड चाटे के साथ सिम्बायोसिस के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. विद्या येरवडेकर, फ्लेम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.दिशा कामदार ने समग्र शिक्षा की बेंचमार्किंग गुणवत्ता, वैश्विक नागरिकता शिक्षा में सहानुभूति को बढावा देना, डिजिटल रियल में सीखने की नई सीमाओं को खोलना और युवा रोजगार को बढावा देने के लिए रिवर्स इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन, शिक्षण और सीखने, सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता क्षमता और विकास, संसाधन और सुविधाएं , रोजगार क्षमता, संकाय गुणवत्ता, विविधता और पहुंच, शासन और संरचना, अनुसंधान और शैक्षणिक विकास सहित विभिन्न पहलुओं पर किया गया है.