वृक्षारोपण महाभियान में मिसाल कायम करे उद्यान विभाग: उद्यान मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह
स्वयं के बागवानी संकुल विकसित करने के विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश
वर्चुअल बैठक कर मंडल और जनपद स्तरीय के अधिकारियों के साथ की समीक्षा
अधिकारियों से की विभिन्न आस्था के स्थलों को गोद लेकर पौधारोपण बढ़ाने की अपील
लखनऊ धर्मेन्द्र कुमार वर्मा प्रतिनिधि
उद्यान विभाग वृक्षारोपण महाभियान-2023 कार्यक्रम के लिए न केवल पौधों की आपूर्ति करेगा बल्कि स्वयं विभाग द्वारा उपलब्ध भूमियों पर विभिन्न प्रकार के पौधे लगाकर बागवानी व वनावरण विस्तार के कार्य को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही धार्मिक और आस्था के स्थलों पर विशेष प्रकार के पौधों का रोपण करके पौधारोपण में सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह बात आज प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह द्वारा अपने राजकीय आवास पर आगामी 22 जुलाई तथा 15 अगस्त को प्रदेश भर में मनाए जाने वाले वृहद पौधारोपण कार्यक्रम की तैयारियों के संदर्भ में विभागीय रणनीति पर वर्चुअल समीक्षा के दौरान कही गई। उन्होंने तीन दिवसीय आम महोत्सव के सफल आयोजन के लिए सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाइयां भी दीं।
उद्यान मंत्री ने प्रदेश भर के जिला उद्यान अधिकारियों तथा उद्यान उप निदेशकों से कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा के अनुसार प्रदेश में बागवानी के स्तर को ऊंचा उठाकर प्रदेश के पर्यावरण और किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि लक्ष्य निर्धारित कर विभाग का प्रत्येक अधिकारी स्वयं भी वृक्षारोपण कार्यक्रम का हिस्सा बने। अपने बच्चे की तरह अपने लगाए हुए पौधों की भी परवरिश का जिम्मा लें। इसके साथ ही आस्था के विभिन्न स्थलों को स्वयं गोद लेकर वहां वृक्षारोपण के कार्यक्रम को सफल बनाएं। इसके लिए सभी अधिकारी सोशल मीडिया पर तथा मीडिया के माध्यम से विशेष प्रचार प्रसार का कार्य करें ताकि अधिक से अधिक जनसमुदाय को पौधारोपण कार्यक्रम में भागीदार बनाया जा सके।
उद्यान मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से भी अपेक्षा की है कि विरासत वृक्षों को अंगीकृत कर परम्परागत रूप से जैव विविधता संरक्षण करने वाले स्थानीय समुदाय के प्रयासों को मान्यता दें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि उद्यान विभाग को केवल पौधे प्रदान करने वाले व्यवहार के रूप में पहचान न दिलाएं बल्कि इस बात का ध्यान रखें कि गांव अथवा शहर में जहां कहीं भी कोई स्थान उपलब्ध हो वहां उद्यान विभाग द्वारा बहुमूल्य फल, फूल, औषधि के पौधे लगाकर बागवानी संकुल विकसित किया जाए। साथ ही आम जनता से भी अपेक्षा रखी है कि वे जैव विविधता और वृक्षों के संरक्षण में योगदान देकर प्रदेश को हरा-भरा करने में सहयोगी एवं सहभागी बनें।
निदेशक उद्यान डॉ. आर0के0 तोमर ने कहा कि समस्त विभागीय अधिकारी और वन विभाग से संबंध से समन्वय स्थापित कर उपलब्ध कराए जा रहे पौधों का पंजीकरण सुनिश्चित कराएं। साथ ही यह लेखा-जोखा भी बनाएं कि पौधा कहां से और किसे दिया गया तथा उसे कहां लगाया गया है, उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? ताकि वृक्षारोपण कार्यक्रम से वृहद स्तर पर बागवानी को तैयार किया जा सके। इसके लिए उपयोगी तथा लाभदाई वृक्षों के पौधे को अधिकाधिक लगाया जाए। मुख्य रूप से फल, औषधि, फूल तथा छायादार और धार्मिक महत्व के पौधों को रोपित किया जाए। जिससे पर्यावरण रक्षा के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण और किसानों की अर्थव्यवस्था का संवर्धन किया जा सकेगा।
वर्चुअल बैठक के दौरान निदेशक उद्यान डॉ. आर के तोमर, संयुक्त निदेशक विजय बहादुर द्विवेदी सहित मण्डल एवं जनपद के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुडे़ रहे।