पूणे

पके हुए भोजन की नशा दुनिया के सबसे बड़े नशे में से एक है : अतुल शहा

पके हुए भोजन की नशा दुनिया के सबसे बड़े नशे में से एक है : अतुल शहा

अग्रवाल समाज फेडरेशन व अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित ओजस लाइफ सेमिनार संपन्न

पुणे  : पके हुए भोजन की नशा दुनिया के सबसे बड़े नशे में से एक है। इसकी आदत हमें बचपन से लग जाती है और आजीवन हमारा मन स्वादिष्ट व्यंजनों वाला भोजन ढूंढता रहता है। यह अलग बात है कि, यह भोजन हमारी सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक है। हमें अधिक से अधिक फ्रूट और सालाद वाला भोजन ही लेना चाहिए। ऐसा भोजन पाचक होता है और सेहत के लिए उत्तम होता है। ऐसा भोजन करने वाले लोग बीमार नहीं पड़ते। ओजस लाइफ का यही संदेश भी है। यह मत यहां पुणे में सुप्रसिद्ध नेचुरोपैथ अतुल शहा ने “ओजस लाइफ सेमिनार” में बोलते हुए व्यक्त किया।
अग्रवाल समाज फेडरेशन पुणे, ब्रदरहुड फाउंडेशन पुणे, माया चैरिटेबल फाउंडेशन, खाना बचाओ खाना खिलाओ ट्रस्ट, ऊंचाई हेल्थ एंड फिटनेस, अग्रवाल समाज चिंचवड़ प्राधिकरण, अग्रवाल समाज विश्रांतवाडी, अग्रवाल समाज पुणे, ACE क्लब पुणे, अग्रवाल समाज नगर रोड, अग्रवाल समाज खड़की एवं अन्य संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से येरवडा स्थित अन्नाभाऊ साठे सभागार में   ओजस लाइफ सेमिनार का आयोजन किया गया था। इसी कार्यक्रम में मार्गदर्शन करते हुए ओजस लाइफ के संस्थापक एवं मुख्य वक्ता अतुल शहा बोल रहे थे। सेमिनार में हाल में करीब 700 लोग मौजूद थे ।
इस अवसर पर मंच पर अग्रवाल समाज फेडरेशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार गोयल, विनोद शिवनारायण बंसल,सी ए के.एल बंसल, श्याम पी गोयल,  ब्रदरहुड के जयप्रकाश जी गोयल, अतुल गोयल, खाना बचाओ खाना खिलाओ संस्था की प्रेसिडेंट डॉ प्रियंका बंसल,   अग्रवाल समाज चिंचवड के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, भारत डायरी के अशोक अग्रवाल सहित कई प्रमुख गणमान्य मंच पर मौजूद थे।
करीब 3 घंटे तक चले इस सेमिनार में मार्गदर्शन करते हुए अतुल शहा ने आगे कहा कि, वास्तव में प्रकृति ने अनाज पंछियों के लिए बनाया था। पंछी पके हुए भोजन खाना कम पसंद करते हैं वह कच्चा अन्न ही  खाते हैं इसलिए वह बीमार नहीं पड़ते।  हम मनुष्यों ने उनका भोजन अपना लिया। भोजन को स्वादिष्ट करने के लिए हम उसे पकाने लगे, उसमें तरह-तरह के मसाले डालने लगे और उसे स्वादिष्ट बनाकर अपनी ही सेहत पर अत्याचार करने लगे। परिणाम यह हुआ कि आज दुनिया भर में 50% से अधिक लोग किसी न किसी बीमारी को पाल चुके हैं। यदि इससे बचना है तो हमें प्रकृति प्रदत्त सलाद भोजन और फ्रूट खाने की आदत डालनी होगी।
अतुल शहा ने कहा कि, यदि पका हुआ भोजन करना है तो 200 ग्राम से ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए। जबकि सलाद आप एक समय में 500 ग्राम तक खा सकते हैं। इसी प्रकार यदि आप 1 किलो फ्रूट शेक लेते हैं तो भी आपका शरीर उसे आसानी से हजम कर लेगा। यह आपके लिए नुकसानदायक नहीं है क्योंकि पानी की मात्रा इसमें होती है। अतुल शाह ने इस बात पर जोर देकर कहा की निरोगी शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में सलाद और फ्रूट लेना चाहिए।
सेमिनार में ओजस लाइफ जीने वाले अनेक लाभार्थियों ने अपने अनुभव बताए और कहा कि, किस प्रकार उन्होंने जब ओजस लाइफ शुरू की तो उनकी जटिल बीमारी धीरे-धीरे अपने आप ठीक होती चली गई। कार्यक्रम के मध्यांतर में सभागार में मौजूद सभी लोगों के लिए ओजस लाइफ जीवन शैली का भोजन भी परोसा गया जिसे खूब सराहना मिली।
सेमिनार की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कृष्ण कुमार गोयल फाउंडेशन, मंत्रा ग्रुप के नंदलाल गुप्ता और ऊंचाई हेल्थ एंड फाउंडेशन की ओर से पुणे में विभिन्न तारीखों पर यह सेमिनार कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की गई।
इस सेमिनार के प्रायोजक  ओम नर्सरी के अशोक गुप्ता ने किया था। सूत्रसंचालन राजकुमार जिंदल ने किया जबकि आभार ज्ञापन अग्रवाल समाज फेडरेशन महिला समिति की अध्यक्षता श्रीमती नीता चंद्रशेखर अग्रवाल ने किया। सेमिनार में सभी जाति धर्म संप्रदाय के लोग शामिल हुए थे।

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