2023 ‘ब्रिलिओ नेशनल स्टेम चैलेंज’ के विजेता घोषित
‘ब्रिलिओ’ के राष्ट्रीय स्टेम चैलेंज के इस अनूठे रूप में वर्ष के दौरान बीस राज्यों के 2,500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया
रिपोर्ट देवेन्द्र सिंह तोमर पुणे
पुणे: ब्रिलियोद्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्टेम (STEM) चैलेंज के तिसरे संस्करण के विजेता आज पुणे में घोषित किये गए । डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सेवाएं और समाधान प्रदान करने वाली संस्था ब्रिलियोने एक सामाजिक संगठन स्टेम लर्निंग के सहयोग से चुनौती का आयोजन किया। ‘स्टेम लर्निंग’ स्कूली छात्रों में स्टेम शिक्षा को विकसित करने का काम करता है।
आज के समारोह में साल भर चली STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) गतिविधियों का समापन हुआ, जिसमें विज्ञान और गणित मॉडल प्रतियोगिताएं, प्रौद्योगिकी प्रश्नोत्तरी और इंजीनियरिंग टिंकरिंग शामिल हैं। समापन समारोह में 13 राज्यों के 20 स्कूलों के 130 से अधिक छात्रों और 40 शिक्षकों ने भाग लिया।
‘ब्रिलिओ नेशनल स्टेम चैलेंज’ कौशल विकास पर केंद्रित एक अनूठी राष्ट्रीय प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता भारत भर के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में योग्य, किन्तु वंचित छात्रों को ‘स्टेम’ शिक्षा के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करती है। ‘नेशनल एसटीईएम चैलेंज’ को किसी भी पृष्ठभूमि के कक्षा छठी से दसवी तक के छात्रों के बीच जिज्ञासा, नवाचार और डिजाइन सोच को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
प्रतियोगिता के दौरान 20 राज्यों के 2,500 से अधिक छात्रों को ब्रिलिओ और स्टेम लर्निंग’ स्वयंसेवकों द्वारा नए युग की तकनीक में प्रशिक्षित किया गया। इन छात्रों ने 70 से अधिक विभागीय और राज्य स्तरीय राउंड में भाग लिया। राष्ट्रीय फाइनल में शीर्ष 50 टीमों में 13 राज्यों अर्थात् महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और तमिलनाडू के 100 से अधिक छात्र शामिल थे।
माननीय मार्गदर्शक, वक्ता और जूरी सदस्य
इस अवसर पर विज्ञान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्तियों ने निर्णायकों तथा मार्गदर्शकों की भूमिका निभाई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व उप निदेशक अनंत विश्वनाथ पत्की,
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) तिरुवनंतपुरम के पूर्व उप निदेशक एम. सी. उत्तम,
इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCA) के वैज्ञानिक प्रवीण चोरडिया,
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरू डॉ. पराग कालकर,
विजयभूमि विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरू अनिल राव पायला,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में प्रोफेसर डॉ. जितेन्द्र संगवई,
बैंगलोर में इलेक्ट्रॉनिक सिटीके दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल तथा फुलब्राइट स्कॉलर अनुपमा रामचंद्र.
उद्धरण
विजेताओं को बधाई देते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व उप निदेशक अनंत विश्वनाथ पत्की ने कहा, “इन युवा दिमागों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखना प्रेरणादायक है। उनके नवोन्मेषी उपाय हमारे इन भावी स्टेम (STEM) रहनुमाओं की असीमित क्षमता को प्रकट करते हैं। प्रतियोगिता इस बात का उदाहरण देती है कि कैसे स्टेम में अवसर वंचित बच्चों को महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं। इस तरह की पहल सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को दूर करके जोशीले, प्रेरित और नवीन गुणों वाले लोगों के लिए नई संभावनाएं खोल सकती हैं। यह वही गुण हैं जो इसरो की हमारी टीमों को इन समर्पित युवा छात्रों से जोड़ते हैं ।”
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरू डॉ. पराग कालकर ने कहा, “नवाचार और आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत ‘स्टेम’ कार्यबल के निर्माण की आवश्यकता है। ब्रिलिओ और स्टेम लर्निंग जैसे संगठन वंचित बच्चों की विविध प्रतिभाओं को सामने लाने में मदद कर रहे हैं। ये प्रतिभासंपन्न युवा कल की खोजों और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करते हुए नए दृष्टिकोण और विचारों का योगदान कर सकते हैं। वंचित छात्रों को ‘स्टेम’ में ज्ञान प्रदान करके एक कुशल और योग्य कार्यबल बनाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।”
ब्रिलियो के डिलीवरी विभाग के वैश्विक प्रमुख संदीप राणे ने कहा, “इन छात्रों द्वारा पेश किए गए इनोवेटिव समाधानों से मैं वास्तव में प्रभावित हूं। नेशनल स्टेम चैलेंज प्रतिभासंपन्न युवाओं के सामर्थ्य को रेखांकित करती है। इन बच्चों को बस एक मौका चाहिए। यह पहल डिजिटल विभाजन को पाटने और भविष्य की प्रौद्योगिकी-संचालित दुनिया में प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि सभी युवाओं को ज्ञान विकसित करने और आवश्यक कौशल हासिल करने का अवसर मिले। हम अगली पीढ़ी के ‘स्टेम’ नायकों को प्रेरित करने का अवसर पाकर रोमांचित और सम्मानित महसूस कर रहे हैं।”
स्टेम लर्निंग के संस्थापक आशुतोष पंडित ने कहा, “मुझे खुशी है कि नेशनल स्टेम चैलेंज का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह पहल पूरे भारत में दूर-दूर बसे छात्रों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि पैदा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दशक में निर्माण होने वाली 80 प्रतिशत नौकरियों के लिए किसी ना किसी स्वरुप में गणित और विज्ञान में कौशल की आवश्यकता होगी। ब्रिलिओ के सहयोग से हम सरकारी स्कूलों में व्याप्त चुनौतियों का हल निकालने, मार्गदर्शन एवं मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने, तथा स्टेम विषयों में छात्रों की रुचि को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। हम उन्हें मौजूदा नौकरी बाजार में सबसे अधिक मांग वाले कौशल्यों से लैस करने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बेंगलुरु की विद्यार्थी सुचित्रा के ने कहा, “नेशनल स्टेम चैलेंज में भाग लेना मेरे और मेरे दोस्तों के लिए एक अविस्मरणीय यात्रा थी। इस प्रतियोगिता ने हमें सिखाया कि जब वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने की बात हो तो कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता। ये चुनौतियाँ न केवल हमारे क्षितिज को व्यापक बनाती हैं, बल्कि नवाचार और सीखने के लिए आजीवन जुनून भी जगाती हैं। हम इस अनुभव के लिए ब्रिलियो, स्टेम लर्निंग और अपने गुरुओं के बहुत आभारी हैं। यहां हासिल किए गए कौशल और ज्ञान के आधार पर, हम दुनिया का मुकाबला करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के निरंतर विकसित होते क्षेत्र में योगदान करने के लिए तैयार हैं।”