नाबार्ड के द्वारा मंडल कारा सीतामढ़ी में 30 महिला बंदियों/ कैदियों को जेल परिसर में लहठी/ चूड़ी निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ
विशाल समाचार नेटवर्क टीम सीतामढ़ी
सीतामढ़ी बिहार: नाबार्ड के द्वारा मंडल कारा सीतामढ़ी में 30 महिला बंदियों/ कैदियों को जेल परिसर में लहठी/ चूड़ी निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम 1 अगस्त 2023 से शुरू हुआ था जो आज 23 सितंबर को समाप्त हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मनोज कुमार तिवारी पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे ।इसके अतिरिक्त श्री मनोज कुमार सिन्हा जेल अधीक्षक ,श्री संजय कुमार चौधरी डीडीएम नाबार्ड प्रधान प्रोवेशन पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
नाबार्ड द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अखिल भारतीय युवा विकास समिति के माध्यम से आयोजित किया गया। इन 45 दिनों में महिला कैदियों ने लहठी बनाने की बारीकियां के साथ-साथ उनके डिजाइनिंग और फिनिशिंग आदि भी सीखी।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में महिला कैदियों ने लहठी निर्माण का कला सीखा है जिससे उन्हें जेल से छूटने के बाद स्वरोजगार करने में सहूलियत होगी एवं उनकी आमदनी में वृद्धि होगी जिनसे उनकी आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
इस अवसर पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लहठी निर्माण में सीतामढ़ी की एक विशिष्ट पहचान है। इस प्रशिक्षण से महिला बंदी करामुक्त होने के बाद सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित होगी और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वे सशक्त होकर सामान्य रूप से जीवन यापन कर सकेंगी।
वही नाबार्ड के डीडीएम संजय कुमार चौधरी ने कहा कि इन 45 दिनों के दौरान महिला कैदियों को लहठी बनाने के लिए सूक्ष्म से सूक्ष्म बारीकियो को सीखाने का प्रयास किया गया है। महिला कैदी न केवल साधारण लहठी बनाना सीखी है बल्कि डिजाइनिंग लहठी भी बनाना सीखी है।
श्री मनोज कुमार सिंह जेल अधीक्षक ने कहा है कि यह कार्यक्रम महिला कैदियों में उत्साह पैदा किया है और सभी 30 बन्दियों ने 45 दिनों तक पूरे मनोयोग के साथ लहठी बनाना सीखी है जो निश्चित रूप से उनमे कौशल विकास किया है जो उनके जीवन यापन में सहायता करेगा। उन्होंने प्रशिक्षक सविता देवी की भी भूरी-भूरी प्रशंसा की।
समापन समारोह के दौरान सभी प्रशिक्षार्थियों को एक-एक लहठी बनाने का किट दिया गया जो उन्हें जेल से छूटने के बाद दिया जाएगा जिससे वे तुरंत अपना स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं। सभी को प्रमाण पत्र भी दिया गया। नाबार्ड के द्वारा बंदियों को जेल से छूटने के बाद उनका फॉलोअप भी किया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार स्थापित कर सके।