विधायकों के लिए तीन महीने का क्रैश कोर्स शुरू करेंगे
एड. राहुल नार्वेकर के विचार: मिटसाॅग के 19वें बैच का शुभारंभ
पुणे: “महाराष्ट्र में विधायकों के लिए एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के साथ मिलकर जल्द ही गवर्नेंस कोर्स शुरू करेगे. यह कोर्स मुंबई, पुणे और नागपुर में विधानमंडल में आयोजित किया जाएगा. हम तीन महीने का क्रैश कोर्स भी प्रदान करेंगे और एसओजी छात्रों के लिए विधानसभा में इंटर्नशिप दी जाएगी. यह विचार विधानसभा के अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर ने व्यक्त किए.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्वारा आयोजित मास्टर्स इन पॉलिटिकल लीडरशिप एड गवर्नमेंट में मास्टर्स के 19वें बैच के शुभारंभ पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे.
इस अवसर पर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, अखिल भारतीय त्रिमुल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व सांसद सुष्मिता देव, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत और पूर्व विधायक उल्हास पवार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. अध्यक्ष के रूप में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा.कराड थे.
साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, मिटसाॉग के निदेशक डॉ. के.गिरिसन, प्रो.परिमल माया सुधाकर और श्रीधर पब्बिशेट्टी उपस्थित थे.
एड.राहुल नार्वेकर ने कहा,” राजनीति को समझने के लिए विधानमंडल और एमआईटी डब्ल्यूपीयू के स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के बीच एक एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करेंगे. यह कोर्स देश की प्रगति और लाभ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. असली नेता वह है जो इस देश को आगे ले जाने के लिए काम करता हाो.हमें राष्ट्र निर्माण के लिए भविष्य की चुनौतियों को पहचानना चाहिए और उनका समाधान खोजना चाहिए.युवा भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और अब कुशल युवा तैयार करने पर ध्यान है.”
विजय वडेट्टीवार ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श को सामने रखकर राजनीति में आना चाहिए. राजनीति में प्रवेश करते समय राष्ट्रवाद, दूरदर्शिता और भाषा पर नियंत्रण जैसे गुणों को ध्यान में रखना चाहिए. एक अच्छा नेता वही होता है जो संगठन को आगे बढ़ाता है. साथ ही एक अच्छा वक्ता होना भी जरूरी है. सामाजिक स्तर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. समाज और देश के लिए लड़ने वाला ही असली नेता बनेगा.”
प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा.कराड ने कहा,” अपने कर्तव्यों को जानना और अपने परिवार, समाज और देश की सेवा करना ही सच्चा धर्म है. जो व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से सतर्क, बौद्धिक रूप से तेज और आध्यात्मिक रूप से उन्नत है वहीं एक अच्छा राजनेता बन सकता है. स्वर्गीय वसंतदादा पाटिल उच्च शिक्षित नहीं थे लेकिन उन्होंने राज्य की शिक्षा में भारी बदलाव लाया.
सचिन सावंत ने कहा,”लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए संविधान महत्वपूर्ण है. इसलिए देश में सभी धर्मों के विचारों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. बढ़ती गरीबी और घटती आय के कारण देश को एक सक्षम नेता की जरूरत है. आजादी के बाद पं.जवाहर लाल नेहरू ने इस देश ने शिक्षा को स्वायत्त, मानवतावादी, वैज्ञानिक बनाकर इस क्षेत्र में क्रांति ला दी और 27 साल के भीतर देश का चेहरा बदल दिया. फिर हरित और श्वेत क्रांति हुई. इस तरह देश को नेतृत्व की जरूरत है.”
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा,”शिक्षित राजनीतिक युवाओं की वजह से देश में बदलाव की लहर आएगी. ऐसे राजनेताओं की जरूरत है जो राजनीति में प्रशिक्षित हों ताकि उन्हें जाति व्यवस्था और भ्रष्टाचार से दूर रखा जा सके. समय के अनुसार देश को एक अच्छे राजनीतिक स्कूल की जरूरत है. इस कोर्स के माध्यम से कई छात्र आज देश के विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.”
सुष्मिता देव ने कहा, “राजनीति कोई पेशा नहीं है. यह समाज सेवा का अभिन्न अंग है. इस क्षेत्र में संघर्ष करने के बाद भी कोई गारंटी नहीं है. यहां विचारधारा की जरूरत है. संविधान ने अधिकार दिए हैं इसलिए युवाओं में लड़ने की ताकत होनी चाहिए”
डॉ। परिमल माया सुधाकर ने स्कूल ऑफ गवर्नमेंट की स्थापना की पृष्ठभूमि के बारे में बताया. उन्होंने राहुल कराड के मार्गदर्शन में देश में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय विधान परिषद की सफलता की भी जानकारी दी.
इस अवसर पर छात्र बोमिश केनिमी एवं सेजल सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत किये.
डॉ. के.गिरिसन ने परिचयात्मक एवं स्वागत भाषण दिया.
प्रो. डॉ.गौतम बापट ने संचालन किया.