आलेख शीर्षक समाज मे महिलाओ का महत्व..
रिपोर्ट प्रवीण मांगलिया सांचोर राजस्थान
आपने विभिन्न महापुरुषो के नाम सुने होंगे जिन्होने भारत की स्वतंत्रता मे अहम किरदार निभाया । परंतु आपने कम ही सुना होगा की महिलाओ ने पुरुषो से ज्यादा त्याग व बलिदान दिये है। यह विडंबना की बात है क्योंकि हमारा समाज हमेशा ही पुरुषो की तुलना मे महिलाओ को कम ही मह्त्व देता है उन्हे केवल घर के काम करने तक ही सीमित रखा जाता है ।
उन सब लोगो को मै बताना चाहता हू की भले ही आधुनिक युग हो या फिर स्वतंत्रता की बात हो महिलाएं हमेशा ही आगे रही है ।
उन्होने भारत को स्वतंत्र करवाने के लिये अथक प्रयास किये।उनमे बहुत सी वीरांगनओ के नाम आपने सुने होंगे जैसे उषा मेहता जिन्होने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान एक खुफिया भूमिगत रेडिओ स्टेशन को बनाया । जिसे आप कांग्रेस रेडिओ से भी जानते हो । का उपयोग गाँधी जी और अन्य क्रांतिकारियो के संदेशो को आम जनता तक पहचाने के लिये किया गया।
अरुना आसफ अली जिन्होने प्रण लिया था की उन्हे अंग्रेजो की जेल स्वीकार न होकर भूमिगत रहकर स्वतन्त्रता आन्दोलन करना स्वीकार किया।
गाँधी बूढ़ी के नाम से प्रसिद्ध मातन्गिनी हाजरा जिन्होने गाव गाव घूमकर आन्दोलन के लिये 5000 से अधिक लोगो को इकट्ठा किया।
इनके अलावा हजारो महिलाए थी जिन्होने अपने स्तर पर हो सके उतना देश के लिये किया। इसलिए हमारा भी कर्तव्य बनता है की हमे भी उनका स्मरण करते रहना चाहिए तथा समाज में महिलाओ के महत्व को कभी भी नही भुलना चाहिए।