LDA ने सपा MLC को बेंची पार्क की जमीन, 47 घरों के लोगों ने लगाए मकान बिकाऊ है के पोस्टर
रिपोर्ट विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज
एलडीए की विकसित कानपुर रोड योजना के पार्क को सपा के पूर्व एमएलसी को बेचने का आरोप लगाते हुए 47 लोगों ने विरोध कर अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ है का पोस्टर लगा दिया है।एलडीए ने सपा एमएलसी को पार्क की जमीन बेंची है। वहीं एलडीए ने कहा कि पार्क की जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ था। ले आउट पर गलत जानकारी छपी गई थी।
एलडीए की कानपुर रोड योजना के 47 आवंटियों ने अपने मकान पर बिकाऊ का पोस्टर लगा दिया है। आवंटियों ने आरोप लगाया है कि पार्क के लिए चिन्हित जमीन को सपा के पूर्व एमएलसी को बेच दिया गया है। वहीं एलडीए ने कहा है कि जिस जमीन को पार्क बताया जा रहा है उसका अधिग्रहण नहीं हुआ था। ले आउट में टाउन प्लानर ने त्रुटि से उस जमीन को पार्क अंकित कर दिया था।
एलडीए ने कानपुर रोड पर पराग डेयरी चौराहा के पास सेक्टर डी-1 को सन 1980 से 85 के बीच विकसित किया था। डी-1 सेक्टर में एसएस 2 -466 सहित 47 आवंटियों को एलडीए ने ले आउट में घर के सामने पार्क की सुविधा दी थी। यहां के आवंटी उमाकांत शुक्ल ने बताया कि एलडीए ने जमीन का अधिग्रहण करके इस कालोनी को विकसित किया था।
अधिग्रहण के समय पार्क के लिए आवंटित जमीन के एक कोने में दो कमरे का मकान बना था। इस मकान का अधिग्रहण नहीं हो सका था। इस कारण ले आउट में पार्क का आकार तिकोणा हो गया है। वर्ष 2013 में जो दो कमरे का अधिग्रहण छोड़ा गया था, उस घर के मालिक ने पूरा पार्क अपना कहना शुरू कर दिया। तब एलडीए ने माना था उस घर को अर्जन से मुक्त रखा गया था, शेष करीब 25 हजार वर्गफीट जमीन पार्क के लिए आरक्षित की गई है।
अब उस मकान मालिक ने सपा के पूर्व एमएलसी संतोष यादव सनी के नाम अपने घर सहित पार्क की जमीन की रजिस्ट्री कर दी है। एलडीए ने भी करीब 4500 वर्गफीट का हिस्सा पार्क के लिए छोड़कर शेष 20 हजार 500 वर्गफीट जमीन पूर्व एमएलसी को दे दी है। इसपर यहां रहने वाले आवंटी कोर्ट चले गए। कोर्ट ने मध्यस्ता करने के निर्देश दिए। जब मामला कोर्ट में लंबित है तब भी एलडीए आवंटियों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।
गुपचुप निकाला पार्क बनाने का टेंडर
आवंटी अभिषेक श्रीवास्तव का आरोप है कि एलडीए ने 25 हजार वर्गफीट भूमि के हिस्से से केवल 4500 वर्गफीट क्षेत्रफल में पार्क का पाथ बनाने के लिए गुपचुप टेंडर जारी कर दिया। इतना ही नहीं एलडीए ने बोर्ड बैठक में एलडीए ने बिना कोई सूचना के ले आउट ही बदल दिया। यहां चार-पांच बार एलडीए के इंजीनियर पार्क बनाने के लिए आ चुके हैं। पूछने पर कहते हैं कि चार किमी. दूर रतन खंड में दूसरा पार्क बनाकर देंगे। छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग उस पार्क तक कैसे पहुंचेंगे ? इसका जवाब भी एलडीए नहीं दे रहा है। एलडीए ने पार्क के ले आउट को बदलने से पहले आपत्ति मांगी थी। कुल 33 आवंटियों ने आपत्ति दर्ज करायी थी।
जिस जमीन को पार्क बताया जा रहा है वह अधिग्रहित ही नहीं हुई है। एलडीए के ले आउट में गलत तरीके से पार्क दर्ज हो गया था। संतोष यादव सनी इसके बदले गोमतीनगर में इतनी ही भूमि समायोजित करने की मांग कर रहे थे। उनके आवेदन को रद्द करते हुए पार्क का हिस्सा निकालकर उनकी शेष जमीन को अर्जन मुक्त किया गया है। वहीं ले आउट में दर्ज पार्क के बदले दूसरी जगह जमीन उपलब्ध करायी गयी है।
ज्ञानेंद्र वर्मा, अपर सचिव, एलडीए
एलडीए ने 30 साल पहले जब अधिग्रहण किया था तब 1900 वर्गमीटर में मेरे घर और जमीन को छोड़ दिया था। हम इसके बदले गोमतीनगर में जमीन समायोजित करने की मांग कर रहे थे। इसे एलडीए ने अस्वीकृत करते हुए सीमांकन के बाद पार्क की करीब 4500 वर्गफीट जमीन हटाकर शेष हमको वापस कर दी है।
संतोष यादव सनी, पूर्व सपा एलएमसी