राजस्थान चुनाव में चर्चित फलोदी का सट्टा बाजार क्यों होने जा रहा है बंद? जानें वजह
Phalodi satta bazar: फलोदी का सट्टा बाजार अब अगले 10 सालों के लिए बंद होने जा रहा है. इसका खुलासा खुद यहां के सटोरियों ने किया है. तस्वीरः राजस्थान
Phalodi satta bazar: राजस्थान चुनाव (Rajasthan election 2023) खत्म होते ही अब इंतजार की घड़ी नजदीक आ चुकी है. प्रदेश के राजनीतिक हालात गरमाने के साथ ही लोगों की निगाहें फलोदी सट्टा बाजार के दावों पर भी हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि फलोदी सट्टा बाजार (phalodi satta bazar) का आंकलन हमेशा सटीक रहा है. क्योंकि राजस्थान चुनाव से पहले भी कर्नाटक, गुजरात और हिमाचल में फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ था. लेकिन अब यह बाजार बंद होने जा रहा है. इसका खुलासा खुद सटोरियों ने राजस्थान तक से खास बातचीत में किया है. उन्होंने बताया कि यह बाजार अगले 10 सालों के लिए बंद होने जा रहा है.
सटोरियों ने बातचीत में बताया कि फलोदी सीए, एमबीए और जजों का हब है. अब कोई भी नवयुवक इस सट्टा बाजार से जुड़ा नहीं है. यहां के बाजार में स्थानीय लोगों का बहुत ज्यादा हिस्सा नहीं है. उन्हें सिर्फ दललाली मिलती है.
बताया “यहां बाहर का बाजार है. यहां के रोम-रोम में सट्टा है. शेयर बाजार में भी पहले वहां फलोदी के दलाल होते थे. लेकिन अब यह बंद होने जा रहा है. हम चाहते हैं कि अब यहां से IAS-IPS निकले.”
कितना पुराना है मार्केट?
खास बात यह है कि फलोदी हो या बीकानेर, यहां के सटोरिये देश ही नहीं बल्कि दुनिया की राजनीतिक, खेल की गतिविधियां और बारिश जैसे अनुमान पर अपनी नजर रखते हैं. यहां ऐसे मामलों पर सट्टा लगता है. कहा यह भी जाता है कि यहां का आंकलन बिल्कुल सटीक होता है. इस कारण फलोदी का सट्टा बाजार देश और दुनिया में अपना अलग स्थान रखता है. पिछले 450-500 साल से फलौदी का यह सट्टा बाजार चल रहा है. सट्टेबाज गांव-गांव जाकर सर्वे करते हैं. ताकि जमीनी स्थिति का पता लगा सके.
लेकिन अब यह बाजार 10 साल के लिए बंद होगा. क्योंकि इस गांव में आईएएस और आईपीएस नहीं है. इस क्षेत्र से अब अफसर निकलेंगे, इसलिए सट्टा बाजार बंद कर रहे हैं. अंटू ने बताया कि क्रिकेट में यहां पहले सट्टा होता था. लेकिन अब कम हो गया है और क्रिकेट को लेकर सट्टा बीकानेर चला गया.
कांग्रेस नेता ने किया था सट्टा बाजार का जिक्र
इस बात का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर की थी. उसमें लिखा है- ‘फलौदी का सट्टा बाजार आज तक कभी गलत साबित नहीं हुआ.’ ऐसे में हम पहले हुए चुनाव पर सट्टा बाजार के दावों की बात कर लेते हैं. सटोरियों ने मई में कर्नाटक के लिए जो अनुमान लगाया था वो सही निकला. कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस को 135 सीटें मिली जबकि अनुमान 137 सीटों का था. बीजेपी को 55 सीटों का अनुमान था और मिलीं 66 सीटें. फलौदी के सटोरिया का गुजरात में भी बीजेपी सरकार का अनुमान सही निकला. हिमाचल में कांटे की टक्कर का अनुमान भी रिजल्ट के करीब ही था. आखिरकार वहां कांग्रेस की सरकार बनी.
इस बार बहुमत किसे?
सट्टा बाजार की मानें तो बीजेपी की 120 से 125 सीट तो कांग्रेस को 65-70 सीटें मिल सकती है. फिलहाल बीजेपी का भाव 20 पैसा और कांग्रेस का 4-5 रुपए चल रहा है. बता दें कि जिस पार्टी की जीत को लेकर उम्मीद ज्यादा होती है, उस पर भाव कम और हारने वाली पार्टी को लेकर भाव ज्यादा होता है. वहीं, एक सटोरी का यह भी कहना है कि बीजेपी या कांग्रेस नहीं, बल्कि टूट-फूट की सरकार बनेगी. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया तो वे अशोक गहलोत से मिलकर सरकार बना सकती हैं. हालांकि ये संभावना उतनी प्रबल नहीं है.
VIP सीटों पर भी कर दी भविष्यवाणी
इस बाजार के सटोरियों ने ना सिर्फ यह बता दिया है कि किसे बहुमत मिलेगा? बल्कि प्रदेश की कई हॉट सीट को लेकर भी दावा किया है. सट्टा बाजार के ताजा अपडेट के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Gehlot), विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, सचिन पायलट, BJP सांसद राजवर्धन राठौड़, दीया कुमारी, सतीश पूनिया की सीटों पर रूझान इनके पक्ष में है.
Disclaimer: इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे रुझानों को दिखाना है. राजस्थानक इन दावों का समर्थन नहीं करता है. नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं. सट्टा खेलना कानूनन अपराध है.