विष्णुदेव साय: पंच से सीएम की कुर्सी तक पहुंचे आदिवासी नेता, अमित शाह ने चुनाव में किया था वादा, ‘बनाऊंगा बड़ा आदमी’
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए आदिवासी नेता विष्णुदेव साय का नाम तय किया है.
रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद उनके नाम की औपचारिक घोषणा की गई.
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए विष्णुदेव साय शाम को ही राजभवन पहुंच गए.
अब तक चार बार के सांसद, तीन बार के विधायक और छत्तीसगढ़ में भाजपा के अध्यक्ष की कमान संभालने वाले विष्णुदेव साय केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
26 साल की उम्र में ही पहली बार विधायक बनने वाले के दादा और दो ताऊ भी, विधायक-सांसद रह चुके हैं.
विष्णुदेव साय ने ताज़ा चुनाव कुनकुरी विधानसभा सीट से लड़ा था, जिसमें उन्होंने 25 हजार 541 वोट से जीत दर्ज की.
कम बोलने और बेहद विनम्र माने जाने वाले विष्णुदेव साय को, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का बेहद करीबी माना जाता है.
एक दिन पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा-“विनम्रता को कमज़ोरी नहीं मानना चाहिए. मैं तो इसे अपनी ताक़त मानता हूं और मेरी कोशिश रहेगी कि आजीवन विनम्र बना रहूं.”
उनके चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि आप इन्हें विधायक बनाइए, इन्हें बड़ा आदमी मैं बनाऊंगा.
“विष्णुदेव जी हमारे अनुभवी कार्यकर्ता हैं. नेता हैं, सांसद रहे, विधायक रहे, प्रदेश अध्यक्ष रहे. एक अनुभवी नेता को भारतीय जनता पार्टी आपके सामने लाई है. आप इनको विधायक बना दो. उनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे.”
32 फ़ीसद आदिवासी जनसंख्या वाले छत्तीसगढ़ की विधानसभा में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 पर भाजपा के कब्ज़े के बाद माना जा रहा था कि किसी आदिवासी विधायक को भाजपा मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री बना सकती है.
जिस सरगुजा संभाग से विष्णुदेव साय जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं, उस संभाग की सभी 14 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीत कर आए हैं. उसके बाद से ही विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी.
माना जा रहा था कि 15 सालों तक मुख्यमंत्री की कमान संभालने वाले डॉक्टर रमन सिंह को अगर मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो उनकी जगह विष्णुदेव साय को राज्य की कमान सौंपी जा सकती है.
हालांकि उनके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आईएएस से विधायक बने ओपी चौधरी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम के नाम की भी चर्चा थी. लेकिन अंततः पार्टी ने विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने का लाभ पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा में भी बीजेपी को मिल सकता है.