पूणे

एमआईटी सांस्कृतिक संध्या संगीत का समारोह पं. उपेंद्र भट के मधुर गायन से समापन

एमआईटी सांस्कृतिक संध्या संगीत का समारोह
पं. उपेंद्र भट के मधुर गायन से समापन

रिपोर्ट विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज

पुणे, :  विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी पुणे की ओर से गुरुकुल राजबाग लोणी कालभोर में आयोजित दो दिवसीय एमआईटी सांस्कृतिक संध्या संगीत समारोह पंडित उपेन्द्र भट के मधुर गायन के साथ संपन्न हुआ.
इस अवसर पर एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, श्रीमती उषा विश्वनाथ कराड, माईर्स एमआईटी एजुकेशन ग्रुप के अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश तु. कराड, प्रो.ज्योति कराड ढाकणे, प्रो. स्वाति कराड चाटे, डॉ. सुचित्रा कराड नागरे, प्रो. सुनीता मंगेश कराड, पं. वसंतराव गाडगील, पूर्व  कुलपति डॉ. एस.एन.पठाण, डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. संजय उपाध्ये व गिरीश दाते मौजूद थे.
३१ दिसंबर की रात १२ बजे आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या के समापन पर त्याग और समर्पण के प्रतीक यज्ञ कुंड में काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और ईर्ष्या, विकार, विकृति और विकल्प जैसे विकारों की आहुतियां दी गई. साथ ही प्रार्थना की गई कि अलगा वर्ष २०२४ अत्यंत सुख, संतोष एवं शांति से बीते.
इसके अलावा पुणे के पास भीमा कोरेगांव में शौर्य विजय स्तंभ के प्रांगण में तथागत भगवान गौतम बुद्ध विश्वशांति विहार और भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर मानवता भवन की स्थापना का निर्णय लिया गया. यह संकल्प माइर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और समान विचारधारा वाले अंबेडकरवादी बौद्धों द्वारा लिया गया था.
विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, नए साल की पूर्व संध्या पर आइए कल से अपनी कमियों को त्याग कर शांतिपूर्ण जीवन जिएं. भगवान गौतम बुद्ध के पंचशील और  संत ज्ञानेश्वर माऊली के पसायदान का बोध लेते हुए सभी को विश्व शांति के लिए काम करना चाहिए. भारतीय संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है और हमें इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए. आज की युवा पीढ़ी में स्वधर्म, स्वाभिमान और पहचान जगाकर सच्ची भारतीय पहचान जगाने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं.
भारतीय संगीत हमारे जीवन का एक हिस्सा है. हमारा जीवन मधुर और मधुर होना चाहिए. ज्ञान, कर्म और भक्ति के माध्यम से ईश्वरर दर्शन और शांतिपूर्ण रस की अनुभूति होती है. इसलिए हर किसी को थोडा थोडा संगीत सीखना चाहिए.
प्रसिद्ध ध्रुपद संगीत गायिका सुप्रिया माईत्रो, प्रसिद्ध गायिका श्रीमती गोदावरी मुंडे, प्रसिद्ध वायलिन वादक तेजस उपाध्ये, श्रीमती कल्याणी बोंद्रे  और प्रसिद्ध  गायक उपेंद्र भट ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
इस संगीत समारोह में विश्वशांति संगीत कला अकादमी के विद्यार्थियों ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया.
प्राकृतिक सुंदरा परिसर में संपन्न हुए संगीत महोत्सव में मारिया लिन ओब्रे, निसर्ग पाटील, पखवाज वादक पं. उद्धव बापू आपेगावकर तथा शास्त्रीय गायिका डॉ. श्रेयसी पावगी अपनी कला प्रस्तुत की.
आदिनाथ मंगेशकर ने स्वागत भाषण और सूत्रसंचालन किया.
प्रा.ज्योति कराड ढाकणे ने सभी का आभार माना.

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