हाथरस के बूलगढ़ी गांव की गुड़िया की मौत का कारण 14 सितंबर को उसके साथ हुई बर्बरतापूर्वक मारपीट है। दिल्ली के सफदरजंगअस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद फोरेंसिंक लैब की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हो गई है कि उसके साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था।
हाथरस की पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चला जहां पर उसकी मौत हुई थी। वहां से गुरुवार को जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और रीढ़ की हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पीड़िता को ब्लड इन्फेक्शन और हार्ट अटैक भी आया था। रिपोर्ट के मुताबिक. मौत का वक्त 29 सितंबर सुबह 6 बज कर 55 मिनट बताया जा रहा है।
इस मामले में पीड़िता की फोरेंसिक साइस लैब की रिपोर्ट आ गई है। इसमें भी उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। हमको पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद इसी रिपोर्ट का इंतजार था। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि आगरा की लैब से मिली रिपोर्ट में युवती में शुक्राणु नहीं पाया गया है। कुछ लोगों ने प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के मकसद से इस केस को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। इस प्रकरण में पुलिस ने शुरू से ही त्वरित तथा तत्समय कार्रवाई करके माहौल बिगड़ने से बचाया।
गौरतलब हो इस मामले में खूब राजनीति हो रही है, कांग्रेस इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, राहुल गाँधी पीड़िता के परिजनों से मिलने पैदल ही निकल पड़े, दूसरी तरफ मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की हैं की योगी को इस्तीफ़ा दिलवाकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करवा दे