राम मंदिर गए तो जारी हुआ फतवा, इमाम उमर अहमद इलियासी बोले- ‘…तो उनको पाकिस्तान चले जाना चाहिए’
इटावा विशाल समाचार नेटवर्क टीम: मुस्लिम धर्मगुरु इमाम उमर अहमद इलियासी ने राम मंदिर समारोह में शामिल होने पर उनके खिलाफ जारी किए गए फतवे पर पलटवार किया है.
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर अपने खिलाफ जारी हुए फतवे पर सोमवार (29 जनवरी) को पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें नफरत करने वाले लोग पाकिस्तान चले जाएं. उन्होंने कहा कि वह मोहब्बत का पैगाम देने के लिए अयोध्या गए थे.
नफरत करने वालों को इमाम उमर अहमद इलियासी का जवाब
इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा, ”राम जन्भूमि ट्रस्ट से मुझे निमंत्रण मिला… मैं दो दिन तक इस पर बहुत विचार करता रहा कि मुझे क्या करना चाहिए, चूंकि मेरे लिए मेरी जिंदगी का ये सबसे बड़ा फैसला था. मैंने फिर फैसला ये लिया कि मुझे जाना है आपसी सौहार्द के लिए, देश के लिए, राष्ट्र हित में ये मैंने फैसला लेते हुए मैं अयोध्या चला गया.”
उन्होंने कहा, ”वहां से मैंने अपना एक पैगाम जोकि पैगाम-ए-मोहब्बत मैंने वहां से दिया. मैंने कहा कि हमारी सबकी जातियां जरूर अलग हो सकती हैं, हमारे पंथ जरूर अलग हो सकते हैं, हमारे इबादत करने के तरीके, पूजा पद्धति अलग हो सकती है, हमारे सबके धर्म जरूर अलग हो सकते हैं लेकिन हमारा जो सबसे बड़ा धर्म है इंसान और इंसानियत का है और हम भारत में रहते हैं, हम सब भारतीय हैं… राष्ट्र सर्वोपरि है.”
उन्होंने कहा, ”ये पैगाम-ए-मोहब्बत जैसे ही दिया, देश के सारे तमाम चैनलों पर, तमाम सोशल मीडिया पर ये वायरल हो गया. वायरल होने के बाद सबको ये मालूम हो गया कि चीफ इमाम साहब वहां पहुंच गए और उन्होंने ये फतवा जारी कल किया है, वैसे तो मुझे 22 जनवरी की शाम से ही मेरे नंबर से अलग-अलग जगहों से धमकियां आने लगीं.”
इमाम उमर अहमद इलियासी के खिलाफ किसने किया फतवा जारी?
इमाम उमर अहमद इलियासी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया, ”इसी बीच कुछ फोन कॉल्स आए, जिनको मैंने रिकॉर्ड कर लिया है, जिन्होंने मुझे जान से मारने के लिए, मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ देने के लिए इस तरह के फोन आए. वो भी फोन आए, माफी के भी फोन आए तो लास्ट में कल रात (28 जनवरी) को ही एक फतवा जारी हुआ है, जिनका नाम है मुफ्ती सहमीन हुसैनी कासमी, जो शख्स एक इंस्टीट्यूट चलाते हैं मुफ्तियों का, मुफ्ती क्लासेज के नाम से चलता है, मैं उनको जानता नहीं हूं… लेकिन ये सोशल मीडिया के माध्यम से, तमाम देशभर के इमामों के माध्यम से मेरे पास अलग-अलग जगहों से फतवा आना शुरू हो गया था.”
उन्होंने कहा, ”चूंकि उन्होंने इसमें मेरा मोबाइल का नंबर मेंशन कर दिया है, उन्होंने साफ तौर पर मेरा नंबर जाहिर करके तमाम पूरे देश के लोगों को मेरा नंबर दे दिया, इमामों को दे दिया, ये फतवा जारी कर दिया. उनसे इन्होंने कहा है कि ये माफी मांग लें, मेरा बायकॉट कर दिया और मुझसे उन्होंने कहा है कि आप इस्तीफा दें वरना आप अपना अंजाम सोच लें…”