कलेक्टर ने विशेष अभियान में फाईलेरिया की दवा खिलाने की अपील की
रीवा विशाल समाचार नेटवर्क टीम: कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने फाईलेरिया उन्मूलन अभियान के संबंध में बताया है कि फाईलेरिया मच्छर से फैलने वाला रोग है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार जवा, त्योंथर तथा सिरमौर विकासखण्डों में इसके रोगी मिले हैं। इन्हीं तीन विकासखण्डों में 10 फरवरी से 23 फरवरी तक फाईलेरिया नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत 10 से 13 फरवरी तक बूथ में फाईलेरिया नियंत्रण की तीन दवाएं दी जाएंगी। सभी को बूथ पर ही फाईलेरिया की दवा खिलाने का प्रयास करें। जिला शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों में तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास भी आंगनवाड़ी केन्द्रों में फाईलेरिया की दवा खिलाने की व्यवस्था करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सभी विकासखण्डों में आकस्मिक उपचार दल तैनात रखें। दवा खाने के बाद कभी-कभी उल्टी, बुखार जैसी शिकायत होती है। मेडिकल टीम तत्काल पहुंचकर इसका उपचार करे।
कलेक्टर ने कहा है कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 3 दवाएं एल्बेंडाजोल, डीईसी तथा एक अन्य गोली दी जा रही है यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इन दवाओं को खाली पेट नहीं लेना है। इसलिए सभी व्यक्तियों को भोजन अथवा नाश्ता करके ही दवा लेने के संबंध में जागरूक करें। फाइलेरिया का कीटाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद 20 वर्षों बाद तक असर दिखाता है। इसलिए बुखार या अन्य लक्षण न होने पर भी सभी को फाइलेरिया की दवा अवश्य लेनी है। अभियान में दवा खिलाने के लिए तैनात करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण के दौरान दवा बांटने के स्थान पर दवा खिलाने के लिए प्रेरित करें। जिस तरह सबके सहयोग और प्रयासों से पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाया गया उसी तरह यह अभियान भी सफल होगा।
इस अभियान के तहत 2 साल से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया नियंत्रण के लिए तीन दवाएं खिलाई जायेगी। दवा 10 से 13 फरवरी को बूथ स्तर पर खिलाई जायेगी। जो व्यक्ति दवा खाने से वंचित रह जायेंगे उन्हें 14 फरवरी से 19 फरवरी तक घर-घर जाकर दवा खिलाई जायेगी। दवा खिलाने का फालोअप 20 से 23 फरवरी तक लिया जायेगा। दवा खिलाने के लिए हर बूथ पर दो प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात रहेंगे। अभियान में 250 से 400 व्यक्तियों को दवा खिलाने के लिए एक दल तैनात रहेगा। अभियान में 2 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रोग से पीड़ितों को दवा नहीं खिलाई जायेगी।