अटल भक्ति से ध्रुव ने प्राप्त की परमपिता की गोद : अनूप महाराज
विशाल समाचार नेटवर्क टीम यूपी
अटल भक्ति से ध्रुव ने प्राप्त की परमपिता की गोद : अनूप महाराज
जिला हरदोई के ग्राम सियापुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर जी महाराज ने कथा को सुनाते हुए कहा कि मनु और शतरूपा के दो पुत्र और तीन पुत्रियां हुई। पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद। राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं। एक का नाम सुरुचि और दूसरी का नाम सुनीति था। सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव था। बालक ध्रुव एक बार पिता की गोद में बैठें थे लेकिन सुरुचि उसे पिता की गोद में बैठने नहीं देती है। ध्रुव रोता हुआ मां सुनीति को सारी बात बताता है। मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह ध्रुव को भगवान की शरण में जाने को कहती हैं। पांच वर्ष का बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन में तपस्या के लिए चला जाता है। नारद जी रास्ते में मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बिठाऊंगा लेकिन ध्रुव ने कहा कि पिता की नहीं अब परम पिता की गोद में बैठना है। कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न हो वरदान देते हैं।
इसी के साथ व्यास अनूप ठाकुर जी महाराज ने भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद प्रहलाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा। भगवान ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर अपने परमधाम को पंहुचाया! इस अवसर पर परिक्षित रामसागर यादव सपत्नीक, बाबूराम यादव, आकाश यादव, विकास यादव, शशिकांत शास्त्री, रोहित पांडे, गोलू त्रिवेदी, नीरू नागर, समेत भारी संख्या में महिला पुरुष मौजूद रहें!